सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

बाड़़मेर,संपतियांे की रजिस्ट्री के लिए अब ई-पंजीयन सुविधा

बाड़़मेर,संपतियांे की रजिस्ट्री के लिए अब ई-पंजीयन सुविधा

बाड़़मेर, 26 अक्टूबर। प्रदेश मंे प्रायोगिक तौर पर बाड़मेर समेत चार जिलांे मंे संपतियांे की रजिस्ट्री के लिए ई-पंजीयन की सुविधा प्रारंभ की गई है। इससे पक्षकारांे को राहत मिलेगी।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने पक्षकारों को राहत देते हुए ई-पंजीयन की सुविधा प्रारंभ की है। फिलहाल यह व्यवस्था बाड़मेर समेत कुछ जिलों में प्रायोगिक तौर पर प्रारंभ की गई है। इसे शीघ्र ही पूरे राज्य में लागू करने की योजना है। पंजीयन विभाग ने अब अपनी वेबसाइट पर रजिस्ट्री के लिए आवेदन का प्रारूप अपलोड कर दिया है। इसके साथ रजिस्ट्री के लिए जरुरी दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध करा दी है। प्रारूप में सभी जानकारियां भरते ही उस पर लगने वाले मुद्रांक शुल्क और पंजीयन शुल्क की गणना भी हो जाती है। यह शुल्क भी ऑनलाइन ई-ग्रॉस अथवा ई-स्टाम्पिंग के जरिए चुकाया जा सकता है।
क्या है पंजीयन की प्रक्रियाः पक्षकार यह सभी दस्तावेज ऑनलाइन संबंधित उप पंजीयक कार्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करेगा। इसके बाद वह अपनी सुविधा के अनुरूप उप पंजीयक कार्यालय पहुंचकर बिना कतार में लगे अपने दस्तावेजों की रजिस्ट्री करा सकता है।
पंजीयन मंे होगी सहुलियतः संपत्तियों की खरीद-फरोख्त सहित अन्य इकरारनामों की रजिस्ट्री के लिए उप-पंजीयक, तहसीलदार और नायब तहसीलदार कार्यालयों में हजारों दस्तावेज पेश किए जाते हैं। इन कार्यालयों में खासी भीड़ होती है। दस्तावेजों की कागजी खानापूर्ति के लिए पक्षकारों को वकीलों अथवा डीड राइटर्स सहित दलालों की मदद लेनी पड़ जाती है। कागजी औपचारिकताएं पूरी करने में ही काफी समय लग जाता है।
बाड़मेर चार जिलों में लागूः पंजीयन विभाग ने फिलहाल बाड़मेर, जोधपुर, टोंक और भीलवाड़ा जिलों में यह व्यवस्था लागू की है। अगले चरण में जयपुर, राजसमंद, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, झालावाड़ और बांसवाड़ा जिलों में स्थित उप पंजीयक कार्यालयों में यह सुविधा प्रारंभ करने की कवायद चल रही है। इसके लिए इन कार्यालयों को कम्प्यूटराइज्ड किया जा रहा है।
कहीं से हो सकेगा पंजीयनः केन्द्र सरकार के नेशनल लैंड रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (एनएलआरएमपी) के साथ ई-पंजीयन की व्यवस्था भी लागू की जा रही है। चरणबद्ध तरीके से अगले दो-तीन वर्ष में पूरे राज्य में ई-पंजीयन सुविधा प्रारंभ हो जाएगी। उसके बाद पक्षकार घर अथवा अपनी सुविधा के अनुसार कहीं से भी रजिस्ट्री दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर सकेंगे।

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