भरतपुर/रुदावल प्रशासन एवं पुलिस की मौजूदगी में मृतक का अंतिम संस्कार
मृतक पक्ष व गांव के लोगों ने अंतिम संस्कार के लिए भूमि नहीं होने की सूचना प्रशासन को दी। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार रोशनलाल शर्मा ने गांव के श्मशान भूमि को देखा तो उसके चारों ओर अतिक्रमण मिले।
नायब तहसीलदार शर्मा व थाना प्रभारी केसरसिंह ने श्मशान भूमि पर ही मृतक का अन्तिम संस्कार कराने व इस जमीन को खाली कराने का निर्णय लेते हुए सर्किल के उच्चैन, बयाना, रूपवास व गढ़ीबाजना से पुलिस जाप्ता बुलाया।
सूचना पर रूपवास तहसीलदार चन्द्रपालसिंह भी मौके पर पहुंच गए। प्रशासन एवं पुलिस की मौजूदगी में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान विरोधी पक्ष ने श्मशान भूमि गांव के बीचोंबीच होने व कई दशकों से इस पर कोई अंतिम संस्कार नहीं होने का हवाला देते हुए विरोध जताया, लेकिन पुलिस व प्रशासन ने सरकारी भूमि पर ही दाह संस्कार कराने व इस जमीन को खाली कराने पर अड़ा रहा।
गांव बना पुलिस छावनी
मृतक के अन्तिम संस्कार के दौरान श्मशान भूमि व आसपास का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। अन्तिम संस्कार के दौरान विरोध, पथराव व अन्य अप्रिय घटना के मद्देनजर पुलिस व प्रशासन मुस्तैद दिखा और घरों की छतों पर भी हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात रहे।
इस दौरान पुलिस ने आसपास के घरों के एकत्रित लोगों को भी घरों के अंदर रहने की चेतावनी देते हुए भीड़ को जुटने नहीं दिया।
अंधेरा होने के कारण पुलिसकर्मी व अधिकारी मोबाइल की टॉर्च के उजाले में अपने काम में व्यस्त रहे।
रिकॉर्ड में है श्मशान भूमि
जरीला में सरकारी रिकॉर्ड में श्मशान भूमि है। यह भूमि गांव के मध्य में आने के बाद पक्के निर्माण हो गए हैं। गांव में श्मशान भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने या अन्य दूसरी जगह आवंटन करने की मांग कई बार उठी है, लेकिन प्रशासन ग्रामीणों को मौके पर दिलासा देकर चला जाता है।
गांव में इसी वर्ष 28 मई को गांव के एक जने की मृत्यु होने के बाद दाह संस्कार को स्थान नहीं होने की समस्या पर ग्रामीणों ने रास्ता अवरुद्ध कर प्रदर्शन किया था। इस पर मौके पर पहुंचे रूपवास तहसीलदार व रुदावल थाना पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों को सड़क किनारे दाह संस्कार करने पर राजी किया और पन्द्रह दिन में श्मशान भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने या अन्य स्थान पर जमीन आवंटन का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब तक समस्या जस की तस है।
संपन्न लोग खेतों में करते हैं अन्तिम कर्म
भवनपुरा के पूर्व सरपंच रामचरनलाल एवं ग्रामीणों ने बताया कि गांव जरीला में श्मशान की भूमि पर हो रहे अतिक्रमणों को हटाने के लिए प्रशासन ने कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर दिए जाने के बाद से अतिक्रमण बरकरार है। गांव में अन्तिम संस्कार को कोई स्थान नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों को अन्तिम संस्कार के लिए परेशान होना पड़ता है।
सम्पन्न ग्रामीण अपने खेतों में अन्तिम संस्कार कर देते हैं, लेकिन सबसे अधिक समस्या गरीब तबके के लोगों को उठानी पड़ती है जिनको भूमि के अभाव में सड़क के सहारे अंतिम संस्कार करना पड़ता है।
गांव की इस बड़ी समस्या का निराकरण जरुरी है। इसके लिए मौजूदा हालात निपटने के बाद प्रशासन शीघ्र ही श्मशान भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर जमीन को खाली कराएगा।
रोशनलाल शर्मा,
नायब तहसीलदार रूदावल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें