रविवार, 18 अक्तूबर 2015

जयपुर।खान महाघूसकाण्ड: सीएम वसुन्धरा ने किए 601 खान आवंटन निरस्त, होगी लोकायुक्त जांच



जयपुर।खान महाघूसकाण्ड: सीएम वसुन्धरा ने किए 601 खान आवंटन निरस्त, होगी लोकायुक्त जांच

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने शनिवार रात बड़ा फैसला करते हुए बहुचर्चित खान महाघूसकाण्ड में विवादित 601 खाानों का आवंटन निरस्त कर दिया। राजे ने राज्यपाल कल्याणसिंह को पूरे मामले की जांच लोकायुक्त से करवाने की सिफारिश की है जिसे स्वीकार करते हुए राज्यपाल कल्याणसिंह ने लोकायुक्त जांच के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की ओर से खानों की नीलामी के निर्देश के बावजूद पिछले वर्ष के अन्त में प्रदेश में खानों की पहले आओ पहले पाओ के आधार पर कथित बंदरबांट का मामला सामने आया था।

रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़े गए प्रमुख खान सचिव के पद पर बैठे आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी के कार्यकाल में हुए इस खेल पर प्रतिपक्षी कांग्रेस ने 45000 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) भी इस मामले की जांच कर रहा है।







मुख्यमंत्री राजे द्वारा खानों के आवंटन निरस्त करने और लोकायुक्त जांच के फैसले की जानकारी शनिवार रात बाकायदा प्रेस नोट जारी कर दी गई। प्रेस नोट में कहा गया कि व्यापक जनहित और पारदर्शिता के उच्च मानदंड अपनाते हुए खान विभाग में 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर खनन पट्टे आवंटन के लिए जारी किए गए 548 एलओआई और 53 अनुज्ञापत्रों को निरस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से इस प्रकरण की जांच लोकायुक्त से करवाने की सिफारिश की है। इस पर राज्यपाल ने लोकायुक्त से जांच करवाने के आदेश जारी किए हैं।







जांच में आया, थी गड़बड़ी

सरकारी प्रेस नोट के अनुसार राज्य सरकार ने तत्कालीन प्रमुख खान सचिव अशोक सिंघवी के परिपेक्ष्य में प्राप्त शिकायतों को देखते हुए खनन पट्टों के आवंटन के लिए एक नवंबर, 2014 से 12 जनवरी, 2015 के बीच जारी की गई एलओआई और अनुज्ञापत्रों की स्वीकृतियों की निष्पक्ष जांच के लिए प्रशासनिक स्तर पर 5 अक्टूबर 2015 को एक समीक्षा समिति का गठन किया था।







इस समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 19 हजार आवेदनों में से लगभग 4 प्रतिशत पत्रावलियों को 'पहले आओ, पहले पाओ' की आड़ में जल्दबाजी में निस्तारित किया गया है, जो उचित प्रतीत नहीं होता। इसके अतिरिक्त भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भी आवंटन से संबंधित शिकायतों को निराधार नहीं माना। इस पर मुख्यमंत्री ने अंतरिम रिपोर्ट का इंतजार किए बिना आवंटन निरस्त व लोकायुक्त जांच की कार्रवाई की।







राज्यपाल ने मानी सिफारिश, किए आदेश

मुख्यमंत्री की एलओआई और अनुज्ञापत्रों की कुल 601 स्वीकृतियों को निरस्त करके प्रकरण की विस्तृृत जांच करवाने की सिफारिश पर राज्यपाल कल्याणसिंह ने लोकायुक्त जांच के आदेश दिए हैं। राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में लोकायुक्त को खनन पट्टे आवंटन की पूरी प्रक्रिया, इसमें हुई गड़बडिय़ों की जांच तथा खनन विभाग के अधिकारियों की जि मेदारी तय करने के लिए भी कहा गया है। लोकायुक्त भविष्य में ऐसी गड़बडिय़ों को रोकने के लिए सिफारिश भी देंगे।

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