दीपावली पूजन (2015) के शुभ मुहूर्त
सर्वप्रथम बहीखाता (चोपड़ा) निर्माण या खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त----
01.--दिनांक 16 अक्टूबर 2015 (शुक्रवार) सर्वार्थ सिद्धि योग।।
02.--दिनांक 18 अक्टूवर 2015 (रविवार) रवि योग एवम् सर्वार्थ सिद्धि योग।।
03.--दिनांक 22 अक्टूबर 2015 (गुरुवार) रवि योग।।
04.--दिनांक 25 अक्टूबर2015 (रविवार) सर्वार्थ सीद्धि योग।।
05.--दिनांक 31 अक्टूबर 2015 (शनिवार) शुभ नक्षत्र सुयोग।।
06.--दिनांक 06 नवम्बर 2015 (शुक्रवार) सिद्धियोग।।
07.--दिनांक 08 नवम्बर 2015 (रविवार) सर्वार्थ सिद्धियोग, अमृत सिद्धियोग,
08.--दिनांक 09 नवम्बर 2015 (सोमवार) धनतेरस सुयोग।।
09.--दिनांक 11 नवम्बर 2015 (बुधवार) दीपावली शुभ सुयोग।।
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पूजन के विशेष मुहूर्त---
धन तेरस (09 नवम्वर 2015,सोमवार) को--कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी रहेगी।। इस दिन कुबेर पीजन,यमदीपदान एवम् श्री पूजन के लिए सायं 5 बजकर 45 मिनट से शाम को 8 बजकर 11 मिनट तक का समय उत्तम हैं।।
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दीपावली पर श्री लक्ष्मी पूजन--(चौघड़िया अनुसार)--
इस वर्ष 11 नवम्बर 2015 (बुधवार) को कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को श्री महालक्ष्मी पूजा दीपोत्सव हैं।।
इस दिन गादी स्थापना, कलम दवात संवारने हेतु प्रातः 6 बजकर 55 मिनट से 9 बजकर 30 मिनट तक लाभ अमृत का चौघड़िया रहेगा।।
सुबह 11 बजे 12 तक शुभ का चौघड़िया रहेगा।।
दोपहर में 3 बजकर 5 मिनट से 4 बजकर 25 मिनट तक चल का चोघड़िया रहेगा।।
ओर शाम को 4 बजकर 25 मिनट से 5 बजकर 45 मिनट तक लाभ का चौघड़िया रहेगा।।
शाम को 7 बजकर 25 मिनट से 9 बजकर 5 मिनट तक लाभ का चौघड़िया रहेगा।।
रात्रि में 9 बजकर 5 मिनट से 10 बहकर 45 मिनट तक अमृत का चौघड़िया रहेगा।।
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दीपावली पूजन (स्थिर लग्न अनुसार)---
इस वर्ष 11 नवम्बर 2015 (बुधवार) को रात्रि 11 बजकर 15 मिनट तक कार्तिक कृष्ण अमावस्या रहेगी।। लक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त अमावस्या में स्थिर लग्न एवम् स्थिर नवांश में किया जाना उत्तम रहता हैं।।
अतः रात्रि 6 बजकर 10 मिनट से 6 बजकर 20 मिनट तक वृषभ एवम् स्थिर नवांश कुंभ में तथा रात्रि 7 बजकर 25 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक वृषभ लग्न और सिंह नवांश पूजा का श्रेष्ठ समय रहेगा।।
स्थिर लग्न अनुसार श्री पूजन ---
वृषभ लग्न--शाम को 6 बजे से 7 बजकर 50 मिनट तक।।
मिथुन लग्न--शाम को 7 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।।
कुम्भ लग्न-- दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से दोपहर 3 बजे तक रहेगा।।
निशिथ काल-- रात्रि 11 बजकर 55 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।।
सिंह लग्न-- मध्यरात्रि (अर्धरात्रि) में 12 बजकर 32 मिनट से 2 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।।
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प्रदोष काल में पूजन मुहूर्त---
11 नवम्बर 2015 (बुधवार) को सायं 5 वजकर 5 मिनट से रात्रि 7 बजकर 30 मिनट तक प्रदोष काल में पूजन कार्य शुभ रहेगा।।
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इस वर्ष दीपावली 11 नवम्बर 2015 ( बुधवार) को मनाई जायेगी।। इस दिन स्वाति नक्षत्र रहेगा।। जिसका करके ग्रह शुक्र हैं।। इस दिन चंद्रमा तुला राशि में रहेगा जिसके फल स्वरूप भवन भूमि के दाम बढ़ेंगें और व्यापार व्यवसाय में वृद्धि होगी।। चाँदी,चमड़े और लोहे एवम् लकड़ी की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी।।
इस वर्ष सोने ,चाँदी और लोहा के स्थान पर पीतल खरीदना शुभ रहेगा।।
इस दिन पूजा के समय माँ लक्ष्मी जी का मुख नेऋत्य में रक्तज और अपना मुंह ईशान कोण में रखें।।
विशेष लाभ हेतु--
माता लक्ष्मी जी को केसरिया धागे में बनी1008 मखाने की माला अर्पित करें।। पूजन के इसका प्रसाद सभी परिजन ग्रहण करें।।
लक्ष्मी जी को कांसी की थाली में बिठाएँ।।
लक्ष्मी जी को केसर,कस्तूरी और गोलोचन का तिलक लगाएं।।
लक्ष्मी जी को लाल रंग के ऊनि आसान पर बैठकर पूजन करें।।
लक्ष्मी जी के दायें तरफ पीतल के बर्तन में देशी घी का दीपक जलाकर चीनी (शक्कर) डालें।।
लक्ष्मी जी के बाएं तरफ आंवले के तेल का दीपक (मिटटी का) जलाएं।।
माता लक्ष्मी को घर में बनी केसर वाली और मखाने डली खीर और मुंग की दाल के हलवे का भोग लगाएं।। पूजन के पश्चात् अगले दिन सभी परिजन इसे ग्रहण करें।। बुद्धि ठीक रहेगी और परिवार में एकता बढ़ेगी।।
माता लक्ष्मी को पिपरमेंट,गुलकंद और वर्क लगा पान (बिना चुना लगा) अर्पण करना ना भूलें।।
इसके फलस्वरूप आपका यश,वैभव और समृद्धि दिनोदिन बढती जायेगी।।
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