प्रथम चरण मंे बाड़मेर मंे होगा भू-रिकार्ड आधुनिकरण
बाड़मेर, 29 सितंबर। राष्ट्रीय भू रिकार्ड आधुनिकरण कार्यक्रम के प्रथम चरण मंे जोधपुर संभाग के बाड़मेर एवं जोधपुर जिले का चयन किया गया है। इसके तहत जमाबंदी खातों में दर्ज खातेदारों के नामों के पृथक्करण (डॉटा सेग्रिगेशन) से संबंधित गतिविधियां आगामी छह माह मंे पूर्ण किया जाना है। इसके लिए जोधपुर संभाग के जिला कलक्टर्स एवं जिला सूचना विज्ञान अधिकारियांे को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय भू रिकार्ड आधुनिकरण कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संबंधित अधिकारियांे को माउंट आबू मंे आयोजित बैठक के दौरान आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है। इस दौरान बताया गया कि समस्त तहसीलों पर कप्यूटरीकृत मॉडर्न रिकार्ड रूम स्थापित किए जाएंगे। साथ ही रिकार्ड को स्केन करके संपूर्ण डाटा बेस बनाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक तहसील मुख्यालय को कलेक्ट्रेट तथा राजस्व मंडल अजमेर से हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टीविटी से जोड़ा जाएगा। डाटा सेग्रिगेशन के लिए जोधपुर एवं बाड़मेर जिले की दो तहसील में इसकी गतिविधियांे की जल्दी शुरूआत होगी। जिला कलेक्टर के मुताबिक राष्ट्रीय भू रेकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम से भू प्रबंधन के मामले पारदर्शी होंगे और मुकदमों में भी कमी आएगी। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक तहसील के लिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर मय मशीन की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा जिला स्तर पर भू अभिलेख प्रभारी अधिकारी की अध्यक्षता में जिला सूचना अधिकारी, सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं सभी तहसीलों के तहसीलदार की समिति गठित कर नियमित रूप से कार्य का परिवेक्षण करने करने के निर्देश दिए गए है।
कैसे होगी क्रियान्वितिः सॉफ्टवेयर के माध्यम से जमाबंदी खातों में शामिल खातेदारों के नामों का पृथक्करण करने के साथ ही खातेदार के बारे में संपूर्ण विवरण तथा उसके हिस्से में आने वाली भूमि का क्षेत्रफल भी स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाएगा। ताकि सबको अपनी जमीन के बारे में वास्तविक जानकारी हो सके और बहुउद्देशीय डाटा बेस तैयार हो जाए।
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