रामदेवरा। रामदेवरा मेले में मेलार्थियों की आवक जारी ,लम्बी ध्वजा के साथ पहुंचा जोधपुर का एक पैदल संघ
रामदेवरा , 17 सितम्बर। पष्चिम राजस्थान के कुम्भ माने जाने वाले रामसापीर के 631 वें भादवा मेले में शुल्क पक्ष की चतुर्थी को भी बाबा के भक्तों की आवक जारी रही एवं वे बाबा रामदेव के जयकारे लगाते हुए अपने हाथों में ध्वजाएँ लिए अपनी बारी के अनुरुप ईष्टदेव के दर्षन कर पूजा-अर्चना की एवं प्रसाद चढ़ाया। वहीं पैदल यात्रियों ने भी अपनी कष्ट पीड़ा को भूल कर बड़े उत्साह एवं जोष के साथ बाबा की समाधी के दर्षन के लिए आतूर लग रहे थे एवं समाधी पर मत्था टेक कर अपने आप को धन्य महसूस कर रहे थे।
मेलाधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी पोकरण नरेन्द्रपाल सिंह शेखावत ने बताया कि मेले के दौरान यात्रियों को भी सुगमतापूर्वक दर्षन करवाने की व्यवस्था से वे अपनी बारी के अनुरुप आसानी से अपने ईष्टदेव के दर्षन कर रहे थे। भादवषुक्ला चतुर्र्थी को चितोड़ ,उदयपुर , बांसवाड़ा , श्रीगंगानगर ,मेहसाणा-गुजरात के साथ ही अन्य जिलों के बाबा के भक्तजन अच्छी संख्या में रामदेवरा पहुंचे एवं बाबा की समाधी के दर्षन कर पूजा-अर्चना की एवं प्रसाद चढ़ाया वहीं रामसरोवर में डूबकी भी लगाई। गुरुवार को मेलार्थियों की कम भीड़ होने के कारण वे आसानी से बाबा रामसीपीर की समाधी के दर्षन कर रहे हैं।
सहायक मेलाधिकारी एवं तहसीलदार नारायणगिरी ,पुखराज भार्गव , नायब तहसीलदार रामसिंह व आईदानसिंह मेला व्यवस्था पर पूरी नजर रखे हुए हैं एवं सीसी टी.वी.कैमरों से हर गतिविधि की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने मेले क्षेत्र का भ्रमण कर सफाई व अन्य व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।
उप पुलिस अधीक्षक धीमाराम विष्नोई द्वारा कानून व्यवस्था पर पूरी निगरानी बरती जा रही थी एवं पुलिस कर्मियों को पूरी मुष्तैदी के साथ सुरक्षा की चैकसी बरतने की हिदायत दी जा रही थी। मेले में जोंधपुर से पैदल आए संघ द्वारा लम्बी रंग-बिरंगी ध्वजा हाथों में लिए बाबे के जयकारे लगा रहे थे। मुख्य मेले में लगी कतारों में खड़े मेलार्थी बाबे की जयघौष के साथ जयकारों से रुणैचा नगरी गुंज उठ रही है।
रामदेवरा , 17 सितम्बर। पष्चिम राजस्थान के कुम्भ माने जाने वाले रामसापीर के 631 वें भादवा मेले में शुल्क पक्ष की चतुर्थी को भी बाबा के भक्तों की आवक जारी रही एवं वे बाबा रामदेव के जयकारे लगाते हुए अपने हाथों में ध्वजाएँ लिए अपनी बारी के अनुरुप ईष्टदेव के दर्षन कर पूजा-अर्चना की एवं प्रसाद चढ़ाया। वहीं पैदल यात्रियों ने भी अपनी कष्ट पीड़ा को भूल कर बड़े उत्साह एवं जोष के साथ बाबा की समाधी के दर्षन के लिए आतूर लग रहे थे एवं समाधी पर मत्था टेक कर अपने आप को धन्य महसूस कर रहे थे।
मेलाधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी पोकरण नरेन्द्रपाल सिंह शेखावत ने बताया कि मेले के दौरान यात्रियों को भी सुगमतापूर्वक दर्षन करवाने की व्यवस्था से वे अपनी बारी के अनुरुप आसानी से अपने ईष्टदेव के दर्षन कर रहे थे। भादवषुक्ला चतुर्र्थी को चितोड़ ,उदयपुर , बांसवाड़ा , श्रीगंगानगर ,मेहसाणा-गुजरात के साथ ही अन्य जिलों के बाबा के भक्तजन अच्छी संख्या में रामदेवरा पहुंचे एवं बाबा की समाधी के दर्षन कर पूजा-अर्चना की एवं प्रसाद चढ़ाया वहीं रामसरोवर में डूबकी भी लगाई। गुरुवार को मेलार्थियों की कम भीड़ होने के कारण वे आसानी से बाबा रामसीपीर की समाधी के दर्षन कर रहे हैं।
सहायक मेलाधिकारी एवं तहसीलदार नारायणगिरी ,पुखराज भार्गव , नायब तहसीलदार रामसिंह व आईदानसिंह मेला व्यवस्था पर पूरी नजर रखे हुए हैं एवं सीसी टी.वी.कैमरों से हर गतिविधि की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने मेले क्षेत्र का भ्रमण कर सफाई व अन्य व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।
उप पुलिस अधीक्षक धीमाराम विष्नोई द्वारा कानून व्यवस्था पर पूरी निगरानी बरती जा रही थी एवं पुलिस कर्मियों को पूरी मुष्तैदी के साथ सुरक्षा की चैकसी बरतने की हिदायत दी जा रही थी। मेले में जोंधपुर से पैदल आए संघ द्वारा लम्बी रंग-बिरंगी ध्वजा हाथों में लिए बाबे के जयकारे लगा रहे थे। मुख्य मेले में लगी कतारों में खड़े मेलार्थी बाबे की जयघौष के साथ जयकारों से रुणैचा नगरी गुंज उठ रही है।
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