गुरुवार, 17 सितंबर 2015

बीकानेर पूर्व एसडीएम व तहसीलदार के खिलाफ जांच

बीकानेर पूर्व एसडीएम व तहसीलदार के खिलाफ जांच


बीकानेर पूगल क्षेत्र में गलत तरीके से जमीन का आवंटन करने व नियमों को ताक पर रखने के आरोप में तत्कालीन उपखंड अधिकारी रामचंद्र मीणा व तहसीलदार प्रीतमसिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच शुरु की है।
ब्यूरो की बीकानेर रेंज पुलिस अधीक्षक ममता राहुल बिश्नोई ने गुरुवार को बताया कि यह जांच स्पेशल यूनिट के अपर पुलिस अधीक्षक परवतसिंह कर रहे हैं।
परिवादी दंतौर निवासी दीठन खां ने पिछले दिनों एक शिकायत की था जिसमें कहा था कि रामचंद्र मीणा पूगल में अक्टूबर2014 से मई 2015 तक रहे थे।
इसदौरान उन्होंने स्माल पेच व मीडियम पेच की जमीन आवंटन में नियमों को ताक पर रखा। पत्रावली संख्या 16-15 में खलील खां को चक 12बीएलडी में तीन बीघा कमांड भूमि आवंटन की।
सरकारी रिकार्ड में यह गैर मुमकिन थी। इसका आवंटन नहीं हो सकता था। आरोप है कि तत्कालीन एसडीएम ने फर्जीवाड़े से इसे अराजीराज बता झूठे शपथपत्र पेश करा खलील खां को आवंटित की।
नियमानुसार इसमें आसपड़ोस के लोगों को नोटिस देना चाहिए था। शपथपत्र दूरस्थ लोगों से लेकर आवंटन किया गया।
इसीप्रकार पत्रावली संख्या40-15 में चार बीधा अराजीराज बता आवंटन खलील खां को किया गया। पत्रावी संख्या 31-15 में दीपा पत्नी रामकिशन जाट को चक चार एडीएम में छह बीधा से अधिक जमीन नियम ताक पर रख कर आवंटित की गई।
इस काम में तहसीलदार प्रीतमसिंह की भूमिका संदिग्ध रही जिन्होंने नाकाबिल काश्त सिवायचक जमीन को गैर मुमकिन व काश्त योग्य बताया और क्षेत्राधिकार से बाहर जा रिपोर्ट दी।

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