मंगलवार, 15 सितंबर 2015

मंगला आरती के साथ 631 वां विख्यात बाबा रामदेवरा मेला विधिवत् रूप से प्रारम्भ



रामदेवरा में स्वर्ण मुकूट प्रतिष्ठापन्न एवं मंगला आरती के साथ

631 वां विख्यात बाबा रामदेवरा मेला विधिवत् रूप से प्रारम्भ

जिला कलक्टर शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक डाॅ.पचार ने की मंगला आरती

बाबा के बीज पर उमड़ा आस्था का ज्वार


रामदेवरा , 15 सितम्बर। द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण के कुलयुगी अवतार बाबा रामदेव की अवतरण तिथि भादवा-शुक्ला द्वितीया के उपलक्ष में बाबा की कर्मस्थली रामदेवरा में ब्रहम मुहर्त में सम्पन्न हुई मंगला आरती के अवसर पर बाबा की समाधी के मस्तक पर स्वर्ण मुकूट प्रतिष्ठापन्न के साथ 631 वाॅं अंतर प्रांतीय बाबा रामदेवरा मेला मंगलवार, 15 सितम्बर से विधिवत् रूप प्रारम्भ हो गया है। देश के पश्चिमी अंचल के कुम्भ माने जाने वाले सुविख्यात मेले के शुभारम्भ अवसर पर जिला कलक्टर जैसलमेर विष्वमोहन शर्मा एवं जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ. राजीव पचार, पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल, उपखण्ड अधिकारी एवं मेलाधिकारी नरेन्द्रपालसिंह शेखावत, बाबा के वंषज और गादीपति भोंमसिंह तँवर ने बाबा रामदेव जी की समाधी की पूजा-अर्चना की एवम् देश व प्रदेश में खुशहाली की कामना की।

जिला कलक्टर शर्मा, पुलिस अधीक्षक डाॅ.पचार , पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल,समाजसेवी नारायणसिंह तंवर,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रभूदयाल धानिया ने श्रृद्धाभावना सहित बाबा रामदेव जी की समाधी के दर्शन किए तथा समाधी का पंचामृत से अभिषेक किया। उन्होंने समाधी पर इत्र एवं प्रसाद चढ़ाया एवं समाधी पर चंवर ढुलाया तथा बाबा के अखण्ड जौत के दर्शन किए एवं मंदिर परिसर का भ्रमण कर मेला व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

मंगला आरती के अवसर पर दूध , दही , सहद ,इत्र एवं पंचामृत से अभिषेक किया गया। बाबा को मेवा मिष्ठान एवं मिश्री का भोग लगाया गया। पूजारी कमल छंगाणी के साथ ही बाबा के वंषज तँवर समाज के गणमान्य नागरिक भी मंगला आरती के अवसर पर उपस्थित थे। बाबा की समाधी पर नई चादर चढ़ाई गयी एवं मंगलवार को प्रातः बाबा की भोग आरती की गई।

मंगला आरती के दौरान समिति के पूजारी कमल छंगाणी ने जिला कलक्टर शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक डाॅ.पचार से शास्त्रोक्त विधि से पूजा-अर्चना करायी। बाबा की समाधी पर चढ़ाये गये मुकूट के केषर से तिलक लगाया गया एवं बाबा की समाधी पर चढ़ाई गई मालाएं इन अतिथियों को पहनाई गई।

सहायक मेलाधिकारी एवं तहसीलदार पोकरण नारायणगिरी,भणियांणा पुखराज भार्गव,उप अधीक्षक पुलिस धीमाराम विष्नोई, सहायक मेलाधिकारी एवं विकास अधिकारी टीकमाराम चैधरी, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी जैसलमेर के.आर.सोनी, ग्रामसेवक मोतीराम ,पटवारी रामदेवरा घेवरराम के साथ ही मंदिर समिति के पदाधिकारीगण भी मंगला आरती के समय उपस्थित थे एवं उन्होंने बाबा की अखण्ड जौत के दर्शन किए एवम् समाधी के आगे नतमष्तक होकर नमन् किया।

मंगला आरती के अवसर पर मंदिर के प्रमुख प्रवेश द्वार के खुलते ही मेलार्थी बाबा के जयकारे लगाते हुए बड़े उत्साह के साथ निज मंदिर में प्रवेश किया। अनेक श्रृद्धालुओं ने बाबा की बीज के अवसर पर अपने ईष्टदेव के दर्शन कर अपने आप को धन्य महसूस किया। श्रृद्धालूगण बाबा की अवतरण तिथि भादवासुदी बीज के अवसर पर ईष्ट देव के दर्शन करने के लिये रात्रि में ही बैरीकेटिंग के मध्य डेरा जमाए रखा था। जिला कलक्टर शर्मा व पुलिस अधीक्षक डाॅ. पचार व मेलाधिकारी तथा पुलिस अधिकारियों को टीम भावना से कार्य करके बाबा के भक्तों को सुगमतापूर्वक दर्षन कराने के निर्देष दिए व सफाई व्यवस्था पर विषेष ध्यान रखने के निर्देष प्रदान किये।

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स्ुविख्यात रामदेवरा मेला -2015

बाबा की अवतरण तिथि भादवाषुक्ला बीज पर रामदेवरा में उमड़ा आस्था का ज्वार

बाबा के जयघौषों से गूंज उठी रामदेवरा नगरी , ध्वजाओं से रंग-बिरगा हो गया रामसापीर का दरबार

बाबा की बीज पर लगभग डेढ़ लाख दर्षनार्थियों ने किए बाबा की समाधी के दर्षन

पैदल यात्रियों की रही धूम, कष्ट पीड़ा के उपरांत भी अपने ईष्टदेव के किए दर्षन एवं की पूजा-अर्चना



रामदेवरा, 15 सितम्बर। जन-जन का आराध्य देव बाबा रामसापीर की अवतरण तिथि भादवा-षुक्ला बीज को प्रदेष के साथ ही अन्य पड़ौसी प्रांतों से कौने-कौने से पहुंचे बाबा के भक्तों का रुणैचा नगरी में ज्वार उमड़ पड़ा एवं संपूर्ण रामदेवरा नगरी आस्था में हिलौरे मारने लगी। कष्ट और पीड़ा की परवाह किए बिना ही कौसों दूरी से आए पैदल भक्तजनों ने बाबा की दूज पर समाधी के दर्षन कर अपने आपको धन्य महसूस किया।

631 वें भादवाषुक्ला बाबा रामदेवरा के मेले में बाबा की बीज को मंगला आरती के साथ ही बाबा के भक्तजन अपने ईष्टदेव की समाधी के दर्षन के लिए उमड़ पड़े एवं अपनी आस्था के साथ श्रृद्धा भाव से दर्षन किए एवं पूजा-अर्चना कर मनोयोग के साथ प्रसाद चढ़ाया। बाबा के भक्तों ने बाबा के जयकारों से पूरी रामदेवरा नगरी को गुंजायमान कर दिया।

देष के कौने-कौने से रामदेवरा पहुंचे पुरुष व महिला भक्तजनों से अपने बच्चों के साथ भीड़ की परवाह किए बिना ही भक्ति भावना के साथ बाबा की समाधी के दर्षन करने से पीछे नहीं रहे।

बाबा की बीज पर लगभग 4 किलोमीटर तक लम्बी-लम्बी लाईनें बाबा के भक्तों की लगी हुई थी एवं वे पूरी आस्था के साथ अपनी-अपनी बारी से कतार में खड़े होकर बाबा की समाधी के दर्षन का पुण्य लाभ ले रहे थे।

मेला मेला प्रषासन द्वारा कतारबद्ध खड़े दर्षनार्थियों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था की गई। वहीं उन्हें सुगमतापूर्वक दर्षन करवाए जा रहे थे। रुणैचा नगरी में आस्था का ऐसा माहौल चारों ओर दिखाई दे रहा था जहां रामदेवरा नगरी में कौने-कौने में पसरे हुए थे। मेले में आए भक्तजन पवित्र रामसरोवर तालाब में जहां डूबकी का आनंद ले रहे थे।

मेलाधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी नरेन्द्रपालसिंह शेखावत ने बताया कि बाबा की बीज को एक मोटे अनुमान के अनुसार डेढ लाख से अधिक श्रृद्धालुओं नेेे बाबा की समाधी के दर्षन कर अपने ईष्ट देव की पूजा-अर्चना की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रभूदयाल धानिया ने बताया कि मेले में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस जाब्ता पर्याप्त मात्रा में तैनात एवं वे हर गतिविधि पर कड़े नजर रखे हुए हैं। वहीं रामसरोवर तालाब पर भी तैराकों की पुख्ता व्यवस्था की गई है।

विकास अधिकारी टीकमाराम चैधरी, उप सरपंच चुतरसिंह तंवर ने बताया कि मेले में सफाई की उचित व्यवस्था की गई हैं। मेले में की गई प्रषासनिक एवं पुलिस प्रबंध के कारण बाबा के भक्तजन अपनी बारी के अनुरुप अपने ईष्टदेव बाबा रामसापीर की समाधी के दर्षन कर प्रसाद चढ़ाया। पैदलयात्री अपनी सभी पीड़ाओं को भूल कर वे भी पूर्ण मनोभावना के साथ बाबा के दर्षन किए वहीं यहां आए मेलार्थियों ने बाबा की अनन्य भक्त दलितोद्वारक डालीबाई के भी दर्षन किए और चमत्कारी कंगन में से गुजर कर अपनी मन्नत पूरी की वहीं उन्होंने परचा बावड़ी व बाबे का झूला-पालना ,गुरुद्वारा के भी दर्षन करने से वंचित नहीं रहे।

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