बालोतरा सभापति कर रहे राजस्व मंत्री के बारे में भ्रामक प्रचार-मदन चोपड़ा।
ओम प्रकाश सोनी
नगर परिषद् के प्रतिपक्ष खेमे ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सभापति पर अनुचित कार्य करवाने के लिए परिषद् के अधिकारियो पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। पत्र में नगर परिषद् के प्रतिपक्ष नेता मदन चोपड़ा ने बताया कि सभापति अधिकारियो के मुख्यालय पर मौजूद नहीं होने के बाद भी समितियो की बैठक रखते है और बाद ने बेक डेट में बैठक की प्रोसिडिंग लिखने को मजबूर करते है। पत्र में बताया गया कि नगर परिषद् में विभिन्न प्रकार के कार्यो के निष्पादन के लिए गठित कमितियो के सदस्य अधिकारियो की उपस्थिति के बिना ही पत्रावलियां ले जाते है और मोका भी देखते है। गलत तरीके से पत्रावलियां पास की जा रही है। अयोग्य पत्रावलियों पर नॉट लगाने के लिए अधिकारियो व् कर्मचारियो पर दबाव बनाया जाता है।
चोपड़ा ने बताया कि 1 व् 3 जुलाई को 2.25करोड़ रूपए की निविदाये गुपचुप रूप से निकाली गयी जिन्हें बाद ने प्रतिपक्ष की शिकायत पर निरस्त कर दिया गया। चोपड़ा ने बताया कि सभापति द्वारा अब यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है की उक्त निविदाये राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी के कहने पर निकाली गयी थी। प्रतिपक्ष का कहना है कि अव्वल तो निविदाए सभापति व् आयुक्त के हस्ताक्षर से जारी हुई थी फिर वे निविदाये सही थी तो उनको निरस्त क्यों किया गया। चोपड़ा ने आरोप लगाया कि जनसुनवाई में सभापति ने राजस्व मंत्री से बारिश से टूटी सड़को की मरम्मत के लिए फण्ड की मांग की थी। दूसरी तरफ गुपचुप तरीके से निविदाये निकाल कर निविदाए खुलने से पहले ही चहेते ठेकेदार से काम भी शुरू करवा लिया गया। चोपड़ा ने बताया कि शहर के विकास के लिए प्रतिपक्ष हमेशा दलगत राजनीती त्यागकर परिषद् बोर्ड के सहयोग के लिए तत् पर है पर बोर्ड द्वारा भाजपा के पार्षदों को परेशांन किया जा रहा है। चोपड़ा ने आरोप लगाया कि सभापति कुछ चापलूस व् दलाल प्रवृति के लोगो के दबाव में गलत काम करते है और उजागर होने पर राजस्व मंत्री का नाम लिया जाता है।
प्रतिपक्ष ने सभापति के इस कथन का खंडन किया है की निरस्त किये गए टेंडर राजस्व मंत्री के कहने पर जारी किये गए थे। प्रतिपक्ष नेता मदन चोपड़ा ने बताया कि राजस्व मंत्री की छवि साफ है और साफ ही रहेगी।
प्रतिपक्ष ने टेंडर प्रकरण व् अन्य अनियमितताओं के दस्तावेज मुख्यमंत्री को भेजकर जांच करवाने की भी मांग की है।
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