सोमवार, 17 अगस्त 2015

बाड़मेर कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नही -महेचा

बाड़मेर कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नही -महेचा

राजस्थान प्रशसनिक सेवा मे नव चयनित समाज बंधुओ का सम्मान समारोह श्री मल्लिनाथ राजपूत बोर्डिंग हॉउस मे आयोजित हुआ।


बाड़मेर शिक्षाविद् कमलसिंह महेचा ने बताया की जीवन मे सफलता प्राप्त करने का एक मात्र तरीका है कठीन मेहनत।

ras मे तीसरी रैंक प्राप्त राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि उन्होंने किस तरह कठीन परिस्तिथियों

मे भी हिम्मत नही हारी और अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य की ओर निगाहे जमाये रखी और परिणाम आपके सामने है।

ras मे 28 वी रैंक पर चयनित राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि उनकी सफलता मे उनके गुरु दिलीप महेचा का बहुत बड़ा योगदान है।सभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालो से अनुरोध है कि एक बार उनसे जरूर मिले।


58 वी रैंक पर चयनित गोपाल सिंह ओसिया ने कहा

एक सामान्य प्रतिभा वाला छात्र भी अपने लक्ष्य के प्रति जूनून बनाये रखे तो सफलता निश्चित है।

76 वी रैंक पर चयनित महावीर सिंह जोधा ने बताया की एक योजनाबद्ध तरीके से प्रयास करने से सफलता आसान हो जाती है इसलिए मेहनत के साथ साथ योजना भी रखे।

181वी रैंक पर आये दिनेश सिंह रूपसी ने बताया कि यहाँ इस छात्रावास मे अनुशाशन गजब का है और परिक्षाओ मे सफलता के लिए इसी अनुशासन की आवश्यकता है।

सामान्य महिला श्रेणी मे 7 वी रैंक पर चयनित श्रीमती सूरज राठौर ने बताया की महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये और बालिकाओ को और ज्यादा पढ़ने के लिए प्रेरित करे।

318 वी रैंक पर चयनित रविन्द्र प्रताप सिंह केरली ने बताया कि हम इतिहास मे नज़र डाले तो पाते है कि हम नेतृत्व करने मे सक्षम थे तो अब भी कड़ी मेहनत से आगे आ सकते है और फिर से कामयाब हो सकते है।

356 वी रैंक पर चयनित समंदर सिंह भाटी ने बताया कि बड़े पदों पर चयनित होकर समाज को भूले नही।

सामान्य महिला श्रेणी मे 83 वी रैंक पर चयनित श्रीमती कृष्णा भाटी ने अगर बेटी को दहेज़ देना है तो वो शिक्षा का दो।मेरे ससुरजी ने मेरी शिक्षा को ही दहेज़ मानकर स्वीकार किया।

मल्लिनाथ छात्रवस के ही विद्यार्थी और ras मे चयनोट गोपाल सिंह सुआला ने भी अपने छात्रावास के दिनों को याद किया।
भूर सिंह भाटी ने भी अपने विचार रखे।


समारोह मे मूलसिंह भाटी,भारत सिंह शेखावत,शेर सिंह भुरटिया,लाल सिंह रामदेरिया,महिपाल सिंह चुली,हरी सिंह आंटा,पहाड़ सिंह चुली,नारायण सिंह आगोर,रेवंत सिंह कवास,दीप सिंह रणधा,गोपाल सिंह रामसर,नारायण सिंह भाटी,महेंद्र सिंह तारातरा,स्वरुप सिंह आगोर,सांग सिंह लुणु,राजेन्द्र सिंह भिंयाड़,कृष्ण सिंह रानीगाँव,नेपाल सिंह तिबनियार,भोम सिंह बलाई,उदय सिंह रोहिडि,गणपत सिंह सोढा,भूर सिंह भाटी,रतन सिंह उदय नगर,तनवीर सिंह फोगेरा,हनुवंत सिंह कवास, व समाज के छात्र छात्राएं उपस्तिथ थे।

सञ्चालन मांगू सिंह बिशाला ने किया।

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