आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग पर प्रीति जिंटा का सनसनीखेज खुलासा
एक अंग्रेजी अखबार की खबर की माने तो उन्होंने बैठक में कहा कि किंग्स इलेवन पंजाब के कुछ खिलाड़ियों का संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होना मुमकिन है।
उन्होंने यह भी कहा कि बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोध समिति इन आशंकाओं को प्रभावी रूप से काबू करने में नाकाम रही है।
अखबार की सूत्रों की माने तो बैठक में किंग्स इलेवन पंजाब की को-ऑनर ने कहा कि मैंने इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों को करीब से देखा है। इन्हें लेकर मैं पहले ही बोलना चाहती थी, लेकिन मेरे पास कोई ठोस सबूत नहीं थे। उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया की कुछ आईपीएल मैच जो कि मेरे टीम के साथ हुए वे पूर्व निर्धारित पैटर्न को फॉलो कर रहे थे।
बता दें कि इस बैठक में आईपीएल विर्किंग ग्रुप के सभी चारों सदस्य आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला, बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली थे। हालाकि राजीव शुक्ला और अनुराग ठाकुर ने प्रीति जिंटा के दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की।
प्रीति ने बोर्ड के अधिकारियों से कहा कि वह मनोविज्ञान की स्टूडेंट रहीं हैं और वह प्लेयर्स की बॉडी लैंग्वेज के साथ उनके माइंड को आसानी से पढ़ सकती हैं। प्रीति ने दावा किया कि उन्होंने उन खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया जो ईमानदारी से नहीं खेल रहे थे। प्रीति ने कहा कि जिन्हें नीलामी के जरिए टीम में लिया था, उन्हें भी बैठाना पड़ा।
अखबार के सूत्रों के मुताबिक प्रीति ने कहा कि इस मसले पर उन्हें एक खिलाड़ी के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। उसने संदिग्ध खिलाड़ियों के बारे में अन्य फ्रेंचाइजी को सूचना दे दी।
वहीं बीसीसीआई के अधिकारियों ने प्रीति से पूछा कि इतना सब कुछ होने के बावजूद वह भ्रष्टाचार निरोधक समिति को रिपोर्ट करने में नाकाम क्यों रहीं, तो उन्होंने बताया कि यूनिट केवल प्लेयर्स को एक दूसरे से बात करना बंद करवा सकता था।
आईपीएल वर्किंग ग्रुप को बीसीसीआई के कानूनी सलाहकार यूएन बनर्जी इन मामलों में मदद कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस मामले में 28 अगस्त को कोलकाता में बोर्ड की वर्किंग कमिटी की तय मीटिंग में फाइनल रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
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