गुरुवार, 13 अगस्त 2015

एमक्यूएम सदस्यों ने कराची में अभियान के चलते संसद और एसेम्बली से इस्तीफा दिया

एमक्यूएम सदस्यों ने कराची में अभियान के चलते संसद और एसेम्बली से इस्तीफा दिया
एमक्यूएम सदस्यों ने कराची में अभियान के चलते संसद और एसेम्बली से इस्तीफा दिया

मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के सासंदों ने पार्टी के गढ़ कराची में चल रहे सुरक्षा अभियान को लेकर विरोध के चलते पाकिस्तान की संसद और सिंध प्रांतीय एसेम्बली से इस्तीफा दे दिया है.



एमक्यूएम उर्दूभाषी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है जो 1947 में विभाजन के दौरान भारत से आया था. कराची में यह सबसे बड़ी पार्टी है.



इस्तीफे से पहले एमक्यूएम के संसदीय नेता फारूख सत्तार ने नेशनल एसेम्बली को बताया कि काफी विचार-विमर्श के बाद उनके सदस्यों के सभी विधायी इकाइयों से इस्तीफा देने का फैसला किया गया है.



उन्होंने कहा कि अभियान को लेकर जब उन्होंने चिंता जाहिर करनी चाहिये तो सेनाध्यक्ष और कराची के कोर कमांडर ने मिलने से मना कर दिया.



सत्तार ने कहा, ‘‘अगर आप हमारे घर (कराची में) की आग की तपिश महसूस नहीं कर सकते तो याद यह रखें कि यह आपके घर को भी जला सकती है.’’



उग्रवादियों और अपराधियों की हिंसा से ग्रस्त कराची में सितम्बर 2013 में सुरक्षा अभियान शुरू किया गया था और एमक्यूएम समेत सभी दलों ने इसका समर्थन किया था. लेकिन तब मतभेद उत्पन्न हो गये तब एमक्यूएम के कई सदस्यों को विभिन्न अपराधों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. पार्टी ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रह है.



लंदन में रह रहे पार्टी प्रमुख अल्ताफ हुसैन ने भी इस्तीफे के अपने पार्टी के निर्णय को सही ठहराया
 है.

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