जयपुर।
भगवान शिव को श्रावण मास अतिप्रिय है। इस दौरान बरसात का मौसम होता है और वातावरण में शीतलता होती है। शिव जीवन में सुख, सफलता, शीतलता और समृद्धि लाने वाले देवता हैं।
वे अपने भक्त पर शीघ्र कृपा करते हैं। अगर उनके प्रति सच्ची श्रद्धा हो तो वे अपने भक्त के हर कष्ट का निवारण कर सकते हैं।
पूजन की विधि
यूं तो हर दिन शिव की देन है परंतु श्रावण के सोमवार को उनकी पूजा करने से विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है। संपूर्ण श्रावण मास शिवजी की उपासना के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है परंतु सोमवार इनमें विशेष महत्वपूर्ण है। जानिए सोमवार को कैसे करें शिवजी का पूजन..
श्रावण के सोमवार को शिवजी का व्रत करने का विधान है। अगर किसी कारण से व्रत न कर सकें तो पूजन मात्र से शिव प्रसन्न हो जाते हैं।
इस दिन गणेशजी, शिवजी, पार्वती और नंदी सहित संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए। पूजन में भगवान को जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, भांग, मोली, जनेऊ, चंदन, रोली, चावल, पुष्प, दूर्वा, बिल्व पत्र, आक, धतूरा चढ़ाना चाहिए।
प्रसाद, पंचमेवा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, कमलगट्टा आदि सामग्री से भगवान की पूजा करें। दक्षिणा चढ़ाएं और धूप-दीप करें।
कपूर और धूप-दीप से आरती उतारें। पूजा करने के बाद एक समय ही भोजन करें। सिर्फ सात्विक भोजन करें। भोजन में तामसी पदार्थों, प्याज-लहसुन, मांस-मदिरा आदि का उपयोग करने से व्रत और पूजन का पुण्य समाप्त हो जाता है।
भगवान शिव के प्रिय मंत्र ऊं नमः शिवाय का जाप करें। इसकी नित्य एक माला का जाप करने से जीवन में शुभत्व और शांति का आगमन होता है।
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