मंगलवार, 25 अगस्त 2015

धर्म आधारित जनगणना के आंकड़ें में तेजी से बढ़ी मुसलमानों की तादाद, तीसरे नंबर पर सिख

धर्म आधारित जनगणना के आंकड़ें में तेजी से बढ़ी मुसलमानों की तादाद, तीसरे नंबर पर सिख


बीते दिनों केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना के आंकड़े नहीं जारी करने का ऐलान किया तो सियासी गलियारों में खूब हलचल मची, वहीं बिहार में‍ विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी में किए गए अपने वादे को निभाते हुए मोदी सरकार ने धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में मुसलमानों की तादाद सबसे तेजी से बढ़ रही है, जबकि हिंदुओं की जनसंख्या की वृद्धि‍ दर दूसरे नंबर पर है.

साल 2001 से 2011 के दशक पर आधारित इस जनगणना के मुताबिक, इस दशक में देश की कुल आबादी 17.7 फीसदी के रफ्तार से बढ़ी है. जबकि मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या इस दौरान सबसे तेजी से 24.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है. इसके ठीक बाद हिंदुओं की जनसंख्या की वृद्धि‍ दर है, जो 16.8 फीसदी है. ईसाई समुदाय की जनसंख्या भी एक निर्धारित एक दशक में 15.5 फीसदी की दर से बढ़ रही है.




तीसरे नंबर पर सिख समुदाय

धर्म आध‍ारित जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, देश में हिंदू और मुसलमानों के बाद सिख समुदाय की जनसंख्या तीसरी सबसे बड़ी जनसंख्या है, जबकि वृद्धि‍ दर के लिहाज से यह 8.4 फीसदी के साथ चौथे नंबर पर है.







सिखों के बाद देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाली जनसंख्या बौद्धों की है. 6.1 फीसदी वृद्धि‍ दर के साथ बौद्ध धर्म के लोगों की संख्या बढ़ रही है, वहीं जैन धर्म के लोगों की संख्या भी 5.4 फीसदी के दर से बढ़ रही है.




किसकी कितनी आबादी

साल 2011 तक के जनसंख्या के आंकड़े के मुताबिक, देश की कुल आबादी 121.09 करोड़ है. इनमें हिंदुओं की जनसंख्या सबसे अधि‍क 96.63 करोड़ (79.8 फीसदी) है. मुसलमानों की आबादी 17.22 करोड़ (14.2 फीसदी), ईसाइयों की जनसंख्या 2.78 करोड़ (2.3 फीसदी) और सिख समुदाय के लोगों की संख्या 2.08 करोड़ (1.7 फीसदी) है. इसके अलावा बौद्ध धर्म के लोगों की कुल जनसंख्या 0.84 करोड़ है, जो देश की कुल आबादी का 0.7 फीसदी है. जैन धर्म के लोगों की जनसंख्या 0.45 करोड़ है और यह कुल आबादी का 0.4 फीसदी है.







रिपोर्ट के मुताबिक, कुल आबादी के मुकाबले 2011 में हिंदुओं की जनसंख्या में 0.7 फीसदी की गिरावट आई है. सिखों की जनसंख्या में भी 0.2 फीसदी की कमी आई है, जबकि मुसलमानों की आबादी में 0.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.




नहीं जारी किए जातिगत जनगणना के आंकड़े

सरकार ने सामाजिक, आर्थि‍क और जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जुटा लिए गए हैं, लेकिन उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया है. जुलाई महीने में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जातिगत जनगणना के आंकड़ों से भारत की हकीकत जानने में मदद मिलेगी. जबकि इससे पहले जनवरी में ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि उनकी सरकार धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक कर सकती है. धर्म आधारति जनगणना महा पंजीयक और जनणना आयोग ने की है. यह विभाग गृह मंत्रालय के अधीन आता है.








कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें