उत्तराखंड में अब शादियों में एक प्रमुख रिवाज ने अपनी जगह बनाई है। इस रिवाज का नाम है मैती। इसके तहत दुल्हन अपने भावी पति से अपने मैत यानी मायके में पौधा लगवाती है।
इसका उद्देश्य पेड़ लगाकर हरियाली को बढ़ावा देना है। उत्तराखंड के अनेक गांवों में मैती संगठन बन चुके हैं। संगठन से जुड़ी किसी भी कन्या के विवाह के मौके पर कन्या द्वारा बताए गए स्थान पर दूल्हे को पौधा लगाना होता है।
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साथ ही वह पौधे की सुरक्षा के लिए कुछ धनराशि भी देता है। इस कार्यक्रम का विवरण मैरिज कार्ड में भी होता है। शादी से कुछ समय पहले दुल्हन एक पौधा तैयार करती है।
शादी के अन्य रीति-रिवाज पूरे होने के बाद दुल्हन के साथ दूल्हा मंत्रोच्चार के बीच पौधा लगाता है। दुल्हन इसमें पानी देती है।
क्या है रिवाज का रहस्य
मायके में पौधा लगवाने का यह रिवाज वर-वधु के वैवाहिक जीवन की मंगल कामना के साथ ही पर्यावरण संरक्षण से भी जुड़ा है। एक ओर जहां पौधा लगाने से यह एक सुखद स्मृति बन जाता है वहीं यह वर-वधु के जीवन में खुशियों का प्रतीक भी माना जाता है। इस रिवाज के दूर्घकालीन लाभ मिलेंगे और यह पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकता है।
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