लखनऊ उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के कार्यकाल में एक से बढ़कर एक संगीन अपराध हो रहे हैं। अबकी बार पुलिस थाने में महिला से दुष्कर्म की कोशिश और पीडि़ता को जिंदा जलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
दुष्कर्म में विफल बाराबंकी के कोठी थानाध्यक्ष ने अपने सहयोगी दारोगा के साथ मिलकर एक महिला को थाने में फूंक दिया।
झुलसी अवस्था में महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर लखनऊ रेफर कर दिया गया है।
महिला अवैध हिरासत से पति को छुड़ाने थाने गई थी। पुलिस अधीक्षक ने आरोपी थानाध्यक्ष व दारोगा को निलंबित कर उनके खिलाफ उसी थाने में मुकदमा दर्ज करा जांच के आदेश दिए हैं।
बाराबंकी के कोठी थाने के सामने सोमवार सुबह आग से लिपटी महिला को देख हड़कंप मच गया। महिला की चीखें थाने से बाहर आ रही थीं। लोगों ने किसी तरह आग को बुझाया और थाने के सिपाही हीरा यादव व पंकज द्विवेदी ने महिला को उसके पुत्र नीरज के साथ थाने की गाड़ी से जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे लखनऊ रेफर कर दिया।
मांगे एक लाख रुपए
आंगनबाड़ी कार्यकत्री नीतू द्विवेदी अवैध हिरासत में रखे गए अपने पति राम नारायण द्विवेदी को छुड़ाने पुत्र नीरज के साथ थाने पहुंची थी। बताया कि जब वह एसओ के कमरे में गई तो उससे एक लाख रुपए की मांग की गई।
इसके बाद दोनों ने सोने की चेन और अंगूठी छीन ली। इसके उपरांत दुष्कर्म का प्रयास किया। विरोध करने पर दोनों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। भाग कर थाने के गेट पर पहुंची जहां लोगों ने आग बुझाई।
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