बुधवार, 29 जुलाई 2015

अत्याचार निवारण समिति का बारह सूत्री मांगे मानने के साथ आंदोलन समाप्त



अत्याचार निवारण समिति का बारह सूत्री मांगे मानने के साथ आंदोलन समाप्त
-जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने धरनार्थियांे को ज्यूस पिलाकर सोलह दिन से चल रहा दलित अत्याचार निवारण समिति का आंदोलन समाप्त करवाया।

बाड़मेर, 29 जुलाई। बाड़मेर जिले मंे दलितांे पर उत्पीड़न के मामलांे मंे पुलिस द्वारा दोषियांेे के खिलाफ कार्यवाही नहीं किये जाने के विरोध मंे बारह सूत्री मांगांे को लेकर जिला मुख्यालय पर चल रहा दलित अत्याचार निवारण समिति का अनिश्चितकालीन धरना एवं क्रमिक अनशन बुधवार को समाप्त हो गया। समिति के प्रतिनिधि मंडल एवं जिला तथा पुलिस प्रशासन के मध्य हुई वार्ता के दौरान बारह सूत्री मांगे मानने के कारण आंदोलन को समाप्त कर दिया गया।

दलित अत्याचार निवारण समिति के संयोजक उदाराम मेघवाल ने बताया कि बारह सूत्री मांगांे को लेकर दलित अत्याचार निवारण समिति के बैनर तले सतरहवें दिन अनिश्चितकालीन धरना एवं क्रमिक अनशन छठे दिन चल रहा था। बुधवार को लोक जन शक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष हरखाराम मेघवाल क्रमिक अनशन पर बैठे। दोपहर के समय समिति के प्रतिनिधि मंडल एवं जिला तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारियांे के मध्य आंदोलन को समाप्त करने को लेकर वार्ता का दौर चला। शुरूआत मंे पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख से वार्ता हुई, इस दौरान समस्त प्रकरणांे पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अधिकतर मामलांे थापन, नागाणा, इटादा, गुमाने का तला एवं बाड़मेर आगोर वगैरह मंे आरोपियांे की गिरफतारी होने के साथ इनको जेल भिजवाया जा चुका है। शेष मामलांे मंे आरोपियांे को जल्दी गिरफतार कर लिया जाएगा। गांधव खुर्द के मूलाराम मेघवाल द्वारा गुड़ामालानी थानान्तर्गत दर्ज सीआर 23/2014 मंे पटवारी द्वारा गलत रिपोर्ट देने से एफआर लगी थी। लेकिन पीड़ित ने पटवारी के खिलाफ सीआर नंबर 64/2014 दर्ज करवाई गई। जिसमंे दौरान अनुसंधान पटवारी द्वारा गलत रिपोर्ट दिया जाना प्रमाणित मान लिया गया है। पटवारी के गिरफतारी के आदेश हो चुके है तथा 23/2014 मंे दी गई एफआर को पुलिस अधीक्षक ने रि ओपन करने का आश्वासन दिया। इसमंे आरोपी के खिलाफ चालान पेश होना निश्चित है। भेडाणा सरपंच हस्तुदेवी द्वारा दर्ज कराए गए प्रकरण मंे पुलिस अधीक्षक एवं जिला कलक्टर ने निष्पक्ष कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। समिति के प्रतिनिधि मंडल मंे जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, जैसलमेर जिला प्रमुख श्रीमती अंजना मेघवाल, पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल, आदूराम मेघवाल, लक्ष्मण वडेरा, मेघवाल परिषद के प्रदेश सचिव डूंगरलाल देपन, संयोजक उदाराम मेघवाल, मूलाराम मेघवाल, सरपंच हस्तुदेवी, सोनाराम टाक, हरखाराम मेघवाल, केसराराम भील, रूपाराम नामा, वगताराम मंसूरिया शामिल थे। पुलिस अधीक्षक के उपरांत जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा से भी प्रतिनिधि मंडल मिला। जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की ओर सभी मामलांे मंे त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए जाने पर इनका आभार व्यक्त करते हुए आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया गया। जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख ने धरनास्थल पर जाकर क्रमिक अनशन पर बैठे हरखाराम मेघवाल एवं सरपंच हस्तुदेवी को ज्यूस पिलाकर आंदोलन समाप्त करवाया। साथ ही धरनार्थियांे को आश्वस्त किया कि भविष्य मंे किसी भी प्रकार की परेशानी अथवा शिकायत हो तो उनसे व्यक्तिशः मिल सकते है। हस्तुदेवी द्वारा उनके सरपंच के कार्य मंे दखल करने वाले गंगाराम वगैरह द्वारा प्रताड़ित करने की बात रखने पर एसपी ने उनसे दूरभाष पर सीधा संपर्क करने को कहा। इसके उपरांत धरनास्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए आदूराम मेघवाल ने कहा कि सभी लोगांे ने सहयोग दिया और एकता बनी रही, इसकी बदौलत न्याय मिलना आसान हुआ। लक्ष्मण वडेरा ने कहा कि इस आंदोलन से अच्छा संदेश गया और कई मुल्जिम जेल मंे है। इससे भविष्य मंे दलित अत्याचारांे पर अंकुश लगेगा। मेघवाल परिषद के प्रदेश सचिव डूंगरलाल देपन ने कहा कि यहां के लोगांे मंे संघर्ष एवं एकता की भावना को देखकर वे लगातार इस धरने मंे शामिल हुए। इन विपरित परिस्थितियांे मंे भारी वर्षा मंें लोगांे की संख्या मंे लगातार बढोतरी होती रही। विशेषकर महिलाआंे ने पहली बार संघर्ष किया, वे धन्यवाद की पात्र है। इस दौरान रूपाराम नामा, मेघवाल परिषद के जिलाध्यक्ष मूलाराम मेघवाल, लोक जन शक्ति पार्टी के हरखाराम मेघवाल, सोनाराम टाक, पोकरराम राणीगांव, वगताराम मंसूरिया से संबोधित किया। संयोजक उदाराम मेघवाल ने आंदोलन मंे सहयोग करने वाले समस्त लोगांे को आभार जताया। बुधवार को धरना स्थल पर मांगीलाल मंसूरिया, छगन मेघवाल, सवाईराम इटादा, सरपंच रणजीत कुमार, सवाईराम बृजवाल, तगराज नामा, नींबाराम पंवार, मूलाराम पूनड़, मूलाराम गांधव, नवाराम मंसूरिसा, कंूभाराम केसूला, विरधाराम कोडेचा, गाजीराम, तगाराम मेघवाल, राजू धनदे, नेहचल गढवीर समेत सैकड़ांे लोग शामिल थे।



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