दलित अत्याचार निवारण समिति का क्रमिक अनशन जारी
बाड़मेर, 28 जुलाई। बाड़मेर जिले मंे दलितांे पर उत्पीड़न के मामलांे मंे पुलिस द्वारा दोषियांेे के खिलाफ कार्यवाही नहीं किये जाने के विरोध मंे दलित अत्याचार निवारण समिति के बैनर तले सोलहवें दिन अनिश्चितकालीन धरना एवं क्रमिक अनशन पांचवे दिन जारी रहा। मंगलवार को आरटीआई कार्यकर्ता मंगलाराम मेघवाल बामणोर एवं भंवराराम मेघवाल इटादा क्रमिक अनशन पर बैठे। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्वाजंलि दी गई।
दलित अत्याचार निवारण समिति के संयोजक उदाराम मेघवाल ने बताया कि मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बाड़मेर जिले के विभिन्न पुलिस थानांे मंे दर्ज दलित उत्पीड़न के मामलांे मंे आरोपियांे के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई। धरना स्थल पर संबोधित करते हुए आदूराम मेघवाल ने कहा कि दलित उत्पीड़न के मामलांे मंे पुलिस तत्काल कार्यवाही करते हुए वांछित आरोपियांे को गिरफतार करें नहीं तो मजबूरन आंदोलन तेज करना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी। लक्ष्मण वडेरा ने कहा कि पुलिस प्रशासन दलितांे के सब्र की परीक्षा नहीं लें, पिछले कई दिनांे से चल रहे आंदोलन के बावजूद आरोपियांे की गिरफतारी को लेकर पुलिस प्रशासन गंभीर नहीं है। उन्हांेने कहा कि समय रहते आरोपियांे की गिरफतारी नहीं हुई तो पुलिस प्रशासन के लिए आंदोलन संभालना मुश्किल होगा। इस दौरान जिला संयोजक उदाराम मेघवाल ने कहा कि दलित उत्पीड़न के मामलांे मंे लगातार बढोतरी हो रही है। यह बेहद चिंताजनक बात है। उन्हांेने कहा कि वर्षा एवं भारी गर्मी के बावजूद भी आंदोलन कार्यों का मनोबल गिरने के बजाय उंचा होता जा रहा है। बाङमेर जिले के पूरे क्षेत्र के दलित लोग धरने को अपना समर्थन देने के लिये आ रहे है। इस दौरान मूलाराम मेघवाल, हरखाराम मेघवाल, वगताराम मंसूरिया, पोकरराम राणीगांव ने धरनास्थल पर संबोधित करते हुए जल्दी न्याय नहीं मिलने पर वृहद स्तर पर आंदोलन करने की बात कही। इस अवसर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्वाजंलि दी गई। इस दौरान वक्ताआंे ने कहा कि राष्ट्र निर्माण मंे कलाम के योगदान को सदैव याद किया जाएगा। मंगलवार को सरपंच रणजीत कुमार, उप प्रधान कूटलाराम, पूर्व सरपंच आसूराम, जेसाराम, नारणाराम खबड़ाला, मांगीलाल, मुकनाराम तंवर, वगताराम, मंगलाराम, रामाराम बामणिया, भंवरलाल पंवार, सवाईराम, बाबूराम, चेतनराम, गणपत वणल, अनोपाराम, केसाराम, सताराम नागाणा, गाजीराम, सवाईराम इटादा, मिठूराम बामणोर, भंवराराम, विरधाराम कोडेचा, मूलाराम पूनड़, चेलाराम मंसूरिया, सरपंच हस्तुदेवी, नबूदेवी, तारीदेवी, भंवरीदेवी, ताराराम, नींबाराम पंवार, नवाराम मंसूरिया, लाभूराम पंवार, कानाराम सनावड़ा, वागाराम बाछड़ाउ, मूलाराम, पेमाराम खिटलिया, श्रवण कुमार बामणिया, मलाराम भेडाणा, थानाराम, कुभाराम केसुम्बला समेत सैकड़ांे लोग शामिल थे।
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