रविवार, 21 जून 2015

मनचाही संतान के लिए पति-पत्नी याद रखें शास्त्रों की ये गुप्त बातें

मनचाही संतान के लिए पति-पत्नी याद रखें शास्त्रों की ये गुप्त बातें


उत्तम और संस्कारी संतान की इच्छा किस दंपत्ति को नहीं होती? गृहस्थ आश्रम में मनुष्य जीवन के साथ विभिन्न कर्तव्य जुड़ जाते हैं। इनमें उत्तम संतान का जन्म और पालन भी एक है। कहा भी जाता है कि सद्गुणों से युक्त और शुभ संस्कारों को ग्रहण करने वाली संतान माता-पिता और पूर्वजों को यश प्रदान करती है।

अगर संतान कुमार्ग पर चलने वाली, व्यभिचारी, अपव्ययी और दुर्जन होगी तो यह कुल और परिवार के लिए कलंक सिद्ध होगी। गरुड़ पुराण में सदाचारी और उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए अनेक बातें बताई गई हैं। जानिए आप भी ऐसी बातें जिससे गुणवान संतान की प्राप्ति हो सकती है।

1- गरुड़ पुराण में कहा गया है कि ऋतुकाल से लेकर सात दिन तक का समय गर्भाधान के लिए अच्छा नहीं होता। इस समय का त्याग करना चाहिए। इससे मनुष्य की आयु और स्वास्थ्य का नाश होता है।

2- आठवीं रात्रि के पश्चात गर्भाधान से सद्गुणों से युक्त संतान की प्राप्ति होती है। इसमें भी गणना का रहस्य जुड़ा है। अगर अष्टमी, दशमी, द्वादशी और चतुर्दशी को गर्भाधान होता है तो पुत्र की प्राप्ति होती है।

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