शुक्रवार, 5 जून 2015

कोटा.रेलवे के खाने का सच: टॉयलेट के पानी से बन रही थी सड़े आलू की सब्जी



कोटा.रेलवे के खाने का सच: टॉयलेट के पानी से बन रही थी सड़े आलू की सब्जी


रेल उपभोक्ता जागरूकता सप्ताह के तहत मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों की जांच की जा रही है। इसी कड़ी में कोटा जंक्शन पर शुक्रवार को कई ट्रेनों की पेन्ट्रीकार की जांच की गई। सुबह 11 बजे मुंबई से अमृतसर जाने वाली स्वर्ण मंदिर मेल जैसे ही कोटा जंक्शन पर आकर ठहरी तो वाणिज्य विभाग के दस्ते ने पेन्ट्रीकार की जांच के लिए प्रवेश किया।

अंदर जाकर देखा तो भगोने में सड़े आलू उबल रहे थे। कुक से पूछा पानी कहां से लिया तो पता चला टॉयलेट की टंकी के पानी का उपयोग कर रहे हैं। रखी हुई सब्जी की जांच की तो एक बोरे में सड़े आलू और दूसरे में सड़े प्याज भरे हुए थे, वहीं सड़े अंडों से दुर्गंध दूर से ही आ रही थी।

यह हालत देख सहायक वाणिज्य प्रबंधक एस.के. श्रीवास्तव चिल्लाए.... क्या यात्रियों की जान लेकर छोड़ोगे, सबकुछ सड़ रहा है। पानी भी तो साफ काम में नहीं ले रहे। आखिर सेहत से खिलवाड़ करने पर क्यों तुले हो। कहां है पेन्ट्रीकार मैनेजर उसे बुलाओ, सीटीआई अरुण लोकवानी इन पर जुर्माना लगाओ।

इसी बीच सहायक वाणिज्य प्रबंधक एन.के. मीणा ने अमानक पानी की बोतलों का कॉटर्न देखा तो बोले ये पानी किसकी अनुमति से बेच रहे हो, इसका अनुज्ञा पत्र दिखाओ। पेन्ट्रीकार मैनेजर ने अनुज्ञा पत्र नहीं दिखाया तो मीणा ने सीएमआई हरिराम से कहा, इसकी रिपोर्ट बनाओ। जांच के दौरान आईसक्रीम भी घटिया क्वालिटी की निकली, वहीं अखाद्य बर्फ पेन्ट्रीकार में चढ़ाई जा रही थी, लेकिन दस्ते को देखकर बर्फ चढ़ाने वाला वहां से भाग गया।

16 हजार रुपए जुर्माना वसूला

पेन्ट्रीकार में सड़ा माल मिलने पर वाणिज्य विभाग की टीम ने पेन्ट्रीकार मैनेजर से 16 हजार रुपए जुमार्ना वसूला। इसके अलावा निरीक्षण रिपोर्ट बनाकर 50 हजार रुपए और जुर्माना वसूलने की अनुशंसा की गई।

अरे पहले कोल्ड ड्रिंक लेकर आओ

जब वाणिज्य विभाग की टीम जांच कर रही थी तो पेन्ट्रीकार में एक आरपीएफकर्मी पेन्ट्रीकार कर्मियों से शीतलपेय की मांग कर रहा था। उस कार्मिक ने कहा, पहले शीतलपेय लेकर आओ, ये जांच का लफड़ा तो 9 जून तक चलेगा।

जिन ट्रेनों में पेन्ट्रीकार का संचालन अन्य रेलवे जोन की ओर से किया जा रहा है, उनमें सुधार और दोषी फर्मों पर कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। कोटा में पेन्ट्रीकार की नियमित जांच की जाती है और आगे भी जारी रहेगी।

अर्चना जोशी, डीआरएम

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