अजमेर। प्रेमी के साथ भाग जाने के शक में दी अमानवीय यातनाए
अजमेर। शहर में एक अमानवीय मामले का खुलासा हुआ है जिसमे एक किशोर उम्र की लड़की को कड़ी यातनाए दी जा रही थी। उससे गुलामो की तरह घर का काम करवाना। जानवरों की तरह पीटना और प्रेस से उसके शरीर को जला देना। यह सब पीड़िता का नसीब बन चुका था।मामले का खुलासा हुआ एक जागरूक पडौसी की सूचना पर। जिसकी खबर पर पुलिस ने मकान पर दबिश देकर लड़की को मुक्त कराया। लड़की पर जुल्म करने के आरोप में उसकी मौसेरी बहन को गिरफ्तार किया है। मामला अजमेर के एकता नगर इलाके का है।
ये था मामलाइंदौर निवासी रुबीना की मौसेरी बहन रजिया ने हमदर्दी दिखाते हुए दो साल पहले उसे अपने साथ अजमेर ले आई थी। शुरवात में सब ठीक था पर एक बार रजिया ने रुबीना को किसी लड़के से फ़ोन पर बातें करते देखा तो रुबीना दुनिया नरक बनते देर न लगी। उस दिन के बाद से रुबीना की मौसेरी बहन रजिया ने उस पर सितम ढाने शुरू कर दिए। रजिया उससे घर के सारे काम करवाती और बदले में जिल्लत भरी जिंदगी उसे मिलती। रात को उसके हाथ पीठ पीछे बांधकर रखा जाता था।
जागरूक पडोसी बना मददगाररोज की तरह रुबीना कल रात भी दिन भर घर का काम कर जंजीर से बंधी अपने जख्मो की वजह से कहरा रही थी। उस दिन घर पर रुबीना की बहन और जीजा नहीं थे। पड़ोस में रहने वाले युवक ने जब रुबीना की दर्द से कराहने की आवाज सुनी तो उसने अलवर गेट थाना पुलिस को फ़ोन कर दिया। थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने मकान पर मय जाब्ता दबिश दी और रुबीना को मुक्त करवाकर थाने ले आये। इस दौरान जब रजिया और उसका पति शाह खान घर पहुचे तो माजरा भांप कर वह भी भाग छूटे। मगर दोनों सीआरपीएफ पुलिया के पास पकडे गए। पुलिस ने रुबीना को देर रात चाइल्ड हेल्प लाइन संस्था को सौप दिया और सुबह जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के समक्ष रुबीना को पेश किया गया।
अजमेर। शहर में एक अमानवीय मामले का खुलासा हुआ है जिसमे एक किशोर उम्र की लड़की को कड़ी यातनाए दी जा रही थी। उससे गुलामो की तरह घर का काम करवाना। जानवरों की तरह पीटना और प्रेस से उसके शरीर को जला देना। यह सब पीड़िता का नसीब बन चुका था।मामले का खुलासा हुआ एक जागरूक पडौसी की सूचना पर। जिसकी खबर पर पुलिस ने मकान पर दबिश देकर लड़की को मुक्त कराया। लड़की पर जुल्म करने के आरोप में उसकी मौसेरी बहन को गिरफ्तार किया है। मामला अजमेर के एकता नगर इलाके का है।
ये था मामलाइंदौर निवासी रुबीना की मौसेरी बहन रजिया ने हमदर्दी दिखाते हुए दो साल पहले उसे अपने साथ अजमेर ले आई थी। शुरवात में सब ठीक था पर एक बार रजिया ने रुबीना को किसी लड़के से फ़ोन पर बातें करते देखा तो रुबीना दुनिया नरक बनते देर न लगी। उस दिन के बाद से रुबीना की मौसेरी बहन रजिया ने उस पर सितम ढाने शुरू कर दिए। रजिया उससे घर के सारे काम करवाती और बदले में जिल्लत भरी जिंदगी उसे मिलती। रात को उसके हाथ पीठ पीछे बांधकर रखा जाता था।
जागरूक पडोसी बना मददगाररोज की तरह रुबीना कल रात भी दिन भर घर का काम कर जंजीर से बंधी अपने जख्मो की वजह से कहरा रही थी। उस दिन घर पर रुबीना की बहन और जीजा नहीं थे। पड़ोस में रहने वाले युवक ने जब रुबीना की दर्द से कराहने की आवाज सुनी तो उसने अलवर गेट थाना पुलिस को फ़ोन कर दिया। थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने मकान पर मय जाब्ता दबिश दी और रुबीना को मुक्त करवाकर थाने ले आये। इस दौरान जब रजिया और उसका पति शाह खान घर पहुचे तो माजरा भांप कर वह भी भाग छूटे। मगर दोनों सीआरपीएफ पुलिया के पास पकडे गए। पुलिस ने रुबीना को देर रात चाइल्ड हेल्प लाइन संस्था को सौप दिया और सुबह जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के समक्ष रुबीना को पेश किया गया।
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