गुजरात में बाढ़ का कहर: 10 शेरों के मिले शव, 250 से अधिक नीलगाय मरीं
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में पिछले दिनों हुई भारी वर्षा के दौरान एशियाई शेरों के एकमात्र निवास गिर के जंगल के आसपास के क्षेत्रों में मरने वाले शेरों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
इनमें से नौ के शव दो नदियों के तट से तथा एक खेत से बरामद किए गए हैं। लगभग 20 ईंच तक हुई बारिश के कारण सौराष्ट्र क्षेत्र में पचास से अधिक लोगों की भी मौत हुई है।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि रविवार को भावनगर जिले के पालिताना के मायधार गांव से एक शेर का शव बरामद किया गया। इसके साथ ही पिछले तीन दिनों में अब तक कुल दस शेरों के शव बरामद हो चुके हैं। अमरेली जिले में पांच तथा इतने ही शेरों के शव भावनगर से बरामद किए गए हैं। इनमें से सात शव शेत्रुंजी नदी तथा दो गागडियों नदी के तट से बरामद हुए हैं। इनमें आधी संख्या मादाओं की है।
अन्य जानवर भी मरे
वन और वन्यजीव कर्मी शेत्रुंजी नदी के आसपास के क्षेत्रों में विशेष अभियान चला रहे हैं। गिर के निकट बनने वाली इस नदी के आसपास आम दिनों में 50 से अधिक शेर रहते थे। वर्षा के कारण अचानक आई बाढ में फंसकर मरने वाले जानवरों में ढाई सौ से अधिक नीलगाय, दो चीतल तथा कई अन्य छोटे बड़े जानवर भी शामिल हैं।
सूत्रों ने अभी और शेरों के शव मिलने की आशंका से इनकार नहीं किया। गौरतलब है कि अमेरली, गिर-सोमनाथ तथा जूनागढ और भावनगर की सीमा तक लगभग 1400 वर्ग किमी में फैले गिर के जंगलों में वर्ष 2010 तक 411 शेर थे जबकि इस वर्ष नवीनतम गणना में यह संख्या बढ़कर 527 तक पहुंच गई थी। इन जंगलों को फिलहाल सालाना मानसून कार्यक्रम के तहत चार माह के लिए पर्यटकों के लिए बंद रखा गया है।
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