— टाइप टेस्ट में फेल अभ्यर्थी को रिवाइज्ड रिजल्ट में बिना परीक्षा दिए पास दिखाया
— आरपीएएसी ने अपने स्तर पर ही दे दी शैक्षणिक योग्यता में छूट
— टाइप टेस्ट में जिसके 2.63 अंक उसे संशोध्ति रिजल्ट में दे दिए 87.03 अंक
— 2011 में हुई थी एलडीसी भर्ती परीक्षा
— 2013 में कोर्ट के आदेश पर निकाला संशोधित परिणाम, संशोधित परिणाम में आरपीएससी ने की कई गडबडियां
— 2.5 साल से नौकरी कर रहे 42 एलडीसी के बाहर होने का खतरा
— सचिवालय से 9, अधीनस्थ सेवा से 33 अभ्यर्थी होंगे बाहर
जयपुर। आरपीएससी की एलडीसी भर्ती परीक्षा भी सवालों के घेरे में
जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग की भर्तियों में सामने आने वाली गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अब 2011 में हुई एलडीसी भर्ती परीक्षा भी सवालों के घेरे में है। एलडीसी भर्ती परीक्षा के संशोधित परिणाम में ऐसे उम्मीदवारों को भी पास कर दिया जिनके पास शैक्षणिक योग्यता तक पूरी नहीं थी। संशोधित परिणाम के नाम पर आरपीएससी ने और भी कई गड़बड़ियां है। आरपीएससी के मनमाने रवैये के चलते अब पिछले 2.5 साल से नौकरी कर रहे 42 युवाओं के बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है, जबकि वे योग्यता पूरी कर रहे हैं और मेरिट में है।
एलडीसी भर्ती का 3 सितंबर 2012 को रिजल्ट आया लेकिन 25 सितंबर 2013 को को संशोधित रिजल्ट निकाला जिसमें कई अभ्यर्थियों के नंबर कम कर दिए। संशोधित परिणम में कोर्ट के आदेशो का हवाला देकर आरपीएएसी 150 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी, इन अभ्यर्थियों के मेरिट से कम अंक हैं। अब आरपीएससी 42 अभ्यर्थियों को बाहर कर रही है, आरपीएससी का तर्क है कि जो कोर्ट गए थे उन्हें राहत दे दी गई है अब चूंकि ये 42 अभ्यर्थी कोर्ट से आदेश नहीं लाए इसलिए इनहें योग्य होते हुए भी बाहर िकया जा रहा है। ये 42 अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट में हैं, इन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया।
शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं फिर भी कर दिया गया पास
आरपीएससी ने ऐसे अभ्यर्थियों को भी पास कर दिया जो परिणम आने तक शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं कर रहे थे। जबकि भर्ती के विज्ञापन में साफ लिखा हुआ था कि परिणाम आने तक शैक्षणिक योग्यता पूरी करनी होगी वरना आवेदक को अपात्र माना जाएगा। आरपीएससी ने आरटीआई के जवाब में कहा है कि आयोग के स्तर पर शैक्षणिक योग्यता में छूट दी है, जबकि छूट देने का अधिकार सरकार को है आयोग को नहीं। एलडीसी भर्ती की एक और धांधली देखिए, एक अभ्यर्थी जिसके रोल नंबर 705654 है, टाइप टेस्ट में जिसके 2.63 नंबर थे, लेकिन संशोधित परिणाम में उसके 87.03 नंबर हो गए। इस तरह जो फेल था उसे संशोध्ति परिणाम में पास कर दिया। टाइप टेस्ट जब दुबारा हुआ ही नहीं हो तो नंबर कैसे बढ गए, इससे साफ जाहिर होता है कि किस पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं। आरपीएससी की भर्ती परीक्षाओं में जिस तरह में गड़बड़ियां एक के बाद एक करके सामने आ रही हैं उससे योग्य युवाओं के भविष्य को ही खतरे में डाल दिया है।
एलडीसी भर्ती का 3 सितंबर 2012 को रिजल्ट आया लेकिन 25 सितंबर 2013 को को संशोधित रिजल्ट निकाला जिसमें कई अभ्यर्थियों के नंबर कम कर दिए। संशोधित परिणम में कोर्ट के आदेशो का हवाला देकर आरपीएएसी 150 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी, इन अभ्यर्थियों के मेरिट से कम अंक हैं। अब आरपीएससी 42 अभ्यर्थियों को बाहर कर रही है, आरपीएससी का तर्क है कि जो कोर्ट गए थे उन्हें राहत दे दी गई है अब चूंकि ये 42 अभ्यर्थी कोर्ट से आदेश नहीं लाए इसलिए इनहें योग्य होते हुए भी बाहर िकया जा रहा है। ये 42 अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट में हैं, इन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया।
शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं फिर भी कर दिया गया पास
आरपीएससी ने ऐसे अभ्यर्थियों को भी पास कर दिया जो परिणम आने तक शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं कर रहे थे। जबकि भर्ती के विज्ञापन में साफ लिखा हुआ था कि परिणाम आने तक शैक्षणिक योग्यता पूरी करनी होगी वरना आवेदक को अपात्र माना जाएगा। आरपीएससी ने आरटीआई के जवाब में कहा है कि आयोग के स्तर पर शैक्षणिक योग्यता में छूट दी है, जबकि छूट देने का अधिकार सरकार को है आयोग को नहीं। एलडीसी भर्ती की एक और धांधली देखिए, एक अभ्यर्थी जिसके रोल नंबर 705654 है, टाइप टेस्ट में जिसके 2.63 नंबर थे, लेकिन संशोधित परिणाम में उसके 87.03 नंबर हो गए। इस तरह जो फेल था उसे संशोध्ति परिणाम में पास कर दिया। टाइप टेस्ट जब दुबारा हुआ ही नहीं हो तो नंबर कैसे बढ गए, इससे साफ जाहिर होता है कि किस पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं। आरपीएससी की भर्ती परीक्षाओं में जिस तरह में गड़बड़ियां एक के बाद एक करके सामने आ रही हैं उससे योग्य युवाओं के भविष्य को ही खतरे में डाल दिया है।
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