जल अपव्यय पर सख्त हुआ जलदाय विभाग ,उपभोक्ताओं को थमाए नोटिस
- अब कटेंगे जल कनेक्शन
बाड़मेर
पानी की एक एक बूंद को तरसने वाले बाड़मेर में पानी की बेचारगी बरसो तक रही लेकिन सरकार द्वारा हिमालय का मीठा पानी पहुचाक्ने के बाद बाड़मेर के कई इलाको में इस पानी की कद्र तक लोग भूल गये है और यही वजह है की आज हर रोज पानी खुद को बेचारा महसूस कर रहा है . शहर में बढ़ रही पानी की बेकद्री से परेशां होने के बाद जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने अब सख्त रुख अपना लिया है। इसी क्रम में बीते सप्ताह भर में कई उपभोक्ताओं को नोटिस थमाए है। नोटिस में उपभोक्ताओं द्वारा पानी को व्यर्थ भने के कारणों को पूछने के साथ साथ उनके नल कनेक्शन काटने तक की बात को शामिल किया है। इस तरह के नोटिस जिन जिन उपभोक्ताओ को मिले है उन्हें सात दिन के भीतर भीतर जवाब देणो को भी कहा गया है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिक्षण अभियंता नेमाराम परिहार ने बताया की बाड़मेर में पानी हमेसा से लोगो के लिए चुनोती रहा है लेकिन सरकार द्वारा बाड़मेर लिफ्ट पेयजल परियोजना के प्रथम चरण के पूरा होने के बाद शहर में शुरूकिये गए नहरी पानी के वितरण के बाद कई जगहों पर लोगो ने इस पानी को व्यर्थ बहाना शुरू कर दिया है जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को इस बात की जानकारी मिलने के बाद बाड़मेर शहर खण्ड द्वारा कई उपभोक्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किये है। परिहार ने बताया कि खगाल मोहल्ला , जीनगर मोहल्ला , नाईयो का वास , अग्रवाल मोह्हला , महेश्वरी भवन की गली में करवाए गये इस निरक्षण में कई जगहों पर लोगो द्वारा घरेलू कनेक्सनो के पानी को बेवजह बहाने की चोकने वाली स्थिति देखने को मिली थी इन इलाको के अस्सी फीसदी उपभोक्ताओ ने अपने कनेक्सनो के नल तक नही लगा रखे है . और यह पर हर रोज हजारो लीटर पानी को बर्बाद किया जा सकता है जिसे बेहद आसानी से बचाया जा सकता है ऐसे में कई उपभोक्ताओं को पहले समझाईस की गई लेकिन जब उन लोगो की आदत में सुधार नजर नही आया तब इन उपभोक्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किये। यह नोटिस उनके लिए आखिरी चेतावनी के रूप भी इनकी आदत में सुधार नजर नही आया तो इनके जल कनेक्सन काटने की कार्यवाही को अंजाम दिया जायेगा।
मीठा पानी गाड़ी से गटर तक - खारे पानी से अपना हलक बरसो तक टार करने वाले बाड़मेर के कई इलाको के बाशिंदे इन दिनों हिमालय के मीठे पानी से अपने गाड़िया धो रहे है इतना ही नहीं कई घरो के रहवासी इस पानी की सप्लाई शुरू होते ही पाईप गटर में दाल कर उसे व्यर्थ भ रहे है . मंगलवार को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग विभाग के निरक्षण में यह बाद सामने आई की लोगो अपने घरो में टांके भरे होने के बावजूद पानी को व्यर्थ बहा रहे है .कई जगहों पर लोगो को इस पानी से मकान की तराई करते तो कुछ जगहों पर अपने आम रास्ते झाड़ू के बजाये पानी साफ़ करते हुए पाया गया .
काटे जाएँगे कई कनेक्सन - बाड़मेर में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग भी पानी बचने के नारे को बुलन्द कर रहा है और इस बात के खिलाफ चल रहे कई उपभोगताओ के नल कनेक्सन काटे जा सकते . जानकरी के मुताबित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इन ओचक निराक्षणो के दोरान पहले लोगो को जुर्माने भरवाए जाएँगे और पानी को सबसे ज्यादा बेकद्री का शिकार बना रहे उपभोगताओ के कनेक्सन हमेशा हमेसा के लिए काटे जाएंगे . इस कार्यवाही के पीछे पानी के महत्व को बरकरार रखने के साथ साथ उसकी दुनिया में सिमित उपलबध्ता बताया जा रहा है .
सो रूपये के नल के पीछे हजारों की बर्बादी - बाड़मेर के कई वार्डों और इलाको में लोग पानी को व्यर्थ महज इस लिए बहा रहे है क्युकी वे लोगो सो रुपये का नल खरीदना नही चाहते . जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओचक निरक्षण के दोरान अस्सी फीसदी उपभोक्ताओ के नल नही लगे हुए थे और यही कारण था की उन्होंने अपने कनेक्सन के पाइप को नाली , सड़क और अपने स्नान घर में लगा रखा था जिससे हर रोज हजरों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है .
दी जल बचत की जानकारी - जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इस अभियान के दोरान सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा लोगो को जल बचत की जानकारी भी प्रदान की गयी . लोगो को पानी की कीमत को समझाने के लिए उनसे विचार विमर्श भी किया गया . लोगो को इस बात पर तफसील से जानकारी प्रदान की गई हिमालय के इस पानी ने बाड़मेर तक जितना लम्बा सफ़र तय किया है उतना की पानी के लिए यह के बाशिंदे तरसे है . इसे में पानी के थार की धरा पर पहुचने के बाद पानी की इसे बेकद्री बाड़मेर के बाशिंदों के लिए ही आने वाले कल में चुनोती बन सकता है .
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