जैसलमेर सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार लिमिटेड के तहत केरोसीन का मामला विधानसभा में उठाया।
राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को केरोसीन की कालाबाजारी का मामला गूंजा। भाजपा विधायक कैलाश भंसाली ने प्रश्नकाल के दौरान जैसलमेर सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार लिमिटेड के तहत केरोसीन का मामला उठाया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था से हटकर केरोसीन के लिए निविदाएं जारी की गई है। भंसाली ने महाप्रबंधक द्वारा निविदाओं में बिठाई गई जांच पूरी होने की समय सीमा बताने की मांग की।
उन्होंने कहा कि केरोसीन उपभोक्ताओं को ना मिलकर कालाबाजारियों को मिल रहा है। भंसाली ने थंब इंप्रेशन के जरिए केरोसीन दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए थंब इंप्रेशन से केरोसीन दिया जाना चाहिए।
सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि निविदा में जो दर थी वो पैंतीस पैसे थी लेकिन कुछ प्रमाण पत्र प्रस्तुत पहीं किए जाने से जो सैकंड न्यूनतम दर आई वो 42 पैसे थी और इसमें 20 प्रतिशत का अंतर था। जिसके चलते ये निविदा निरस्त कर अलग से निकाली गई।
मंत्री ने बताया कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत शिकायतों की जांच करा ली गई है जिसकें परिणाम आना बाकी है। उन्होंने कहा कि डेढ़ माह में परिणाम आने के बाद जो भी अधिकारी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आहोर विधायक शंकर सिंह राजपुरोहित ने मंत्री के जवाब में दो विसंगतियां निकालीं। उन्होंने कहा कि राशन की सामग्री के लिए जो निविदा आई थी उसे तो आपने निरस्त कर दिया लेकिन केरोसीन सप्लाई के लिए जो निविदा आई उसे आपने पास कर दिया।
राजपुरोहित ने केरोसीन निविदा में प्रशासक के सगे संबंधियों के होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मामले में भ्रष्टाचार है क्योंकि असिस्टेंट रजिस्ट्रार की ओर से की गई जांच मेें प्रशासक को दोषी पाया गया था। वहीं अब इसी मामले की जांच दोषी प्रशासक को सौंपी जा रही है जिसमें वो खुद दोषी है। विधायक ने प्रशासक और इस मामले की जांच एसीडी से कराए जाने की मांग की।
जवाब में मंत्री किलक ने कहा कि जांच के परिणाम अभी तक जारी नहीं हुए है। उन्होंने कहा कि डेढ़ माह में परिणाम आने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था से हटकर केरोसीन के लिए निविदाएं जारी की गई है। भंसाली ने महाप्रबंधक द्वारा निविदाओं में बिठाई गई जांच पूरी होने की समय सीमा बताने की मांग की।
उन्होंने कहा कि केरोसीन उपभोक्ताओं को ना मिलकर कालाबाजारियों को मिल रहा है। भंसाली ने थंब इंप्रेशन के जरिए केरोसीन दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए थंब इंप्रेशन से केरोसीन दिया जाना चाहिए।
सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि निविदा में जो दर थी वो पैंतीस पैसे थी लेकिन कुछ प्रमाण पत्र प्रस्तुत पहीं किए जाने से जो सैकंड न्यूनतम दर आई वो 42 पैसे थी और इसमें 20 प्रतिशत का अंतर था। जिसके चलते ये निविदा निरस्त कर अलग से निकाली गई।
मंत्री ने बताया कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत शिकायतों की जांच करा ली गई है जिसकें परिणाम आना बाकी है। उन्होंने कहा कि डेढ़ माह में परिणाम आने के बाद जो भी अधिकारी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आहोर विधायक शंकर सिंह राजपुरोहित ने मंत्री के जवाब में दो विसंगतियां निकालीं। उन्होंने कहा कि राशन की सामग्री के लिए जो निविदा आई थी उसे तो आपने निरस्त कर दिया लेकिन केरोसीन सप्लाई के लिए जो निविदा आई उसे आपने पास कर दिया।
राजपुरोहित ने केरोसीन निविदा में प्रशासक के सगे संबंधियों के होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मामले में भ्रष्टाचार है क्योंकि असिस्टेंट रजिस्ट्रार की ओर से की गई जांच मेें प्रशासक को दोषी पाया गया था। वहीं अब इसी मामले की जांच दोषी प्रशासक को सौंपी जा रही है जिसमें वो खुद दोषी है। विधायक ने प्रशासक और इस मामले की जांच एसीडी से कराए जाने की मांग की।
जवाब में मंत्री किलक ने कहा कि जांच के परिणाम अभी तक जारी नहीं हुए है। उन्होंने कहा कि डेढ़ माह में परिणाम आने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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