लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वायदे करने वाले सांसदों की नब्ज अब जनता के हाथ में होगी। भारत सरकार ने एक वेबसाइट लांच की है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने गली-मुहल्ले के विकास कार्य का प्रस्ताव डाल सकेगा। लोग सांसद को याद दिला सकेंगे कि उन्होंने चुनाव के दौरान क्या-क्या वादे किए थे। वेबसाइट पर आने वाले प्रस्तावों की सांसद हर माह समीक्षा करेंगे। भारत सरकार भी इसको संज्ञान में लेगी।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट 'एमपीएलएडीएस डॉट एनआईसी डॉट इन' पर आप अपनी बात लिख सकते हैं। इस योजना का पूरा नाम है 'मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम'।
ऐसे भेजें प्रस्ताव :
वेबसाइट में सिटीजन सजेशन बिंदु पर क्लिक करेंगे। इसके बाद प्रस्ताव फार्म खुलकर सामने आ जाएगा। उसमें मकान नंबर, जिला, स्कीम का नाम, एमपी टाइप (लोकसभा या राज्यसभा सदस्य), राज्य, ब्लॉक, सेक्टर, लोकेशन जैसी जानकारियां भरनी होंगी। आखिर में काम बताना होगा। जो आप बताना चाहते हैं वह इस पर दर्ज करा दें।
ऐसे होगी समीक्षा :
भारत सरकार ने निर्देशों में कहा है कि वेबसाइट पर डाले जाने वाले संबंधित प्रस्ताव की एक कॉपी ऑनलाइन सांसद के पास जाएगी तो दूसरी सरकार के पास आएगी। हर माह सांसद के जरिये होने वाले कार्य की मॉनीटरिंग सरकार की ओर से तैनात अधिकारी करेंगे।
इस वेबसाइट की जानकारी देने के लिए विकास विभाग के दो कर्मचारियों को भारत सरकार की ओर से प्रशिक्षित किया गया है। ये अन्य लोगों को ब्लॉक स्तर पर कैम्प लगाकर प्रशिक्षण देंगे।
सांसद बनने के बाद नेता व्यस्त हो जाते हैं। आम शिकायत है कि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में नहीं मिलते। वे दिल्ली या अन्य जगहों पर निवास करते हैं। जनता उनके दर्शन को तरसती है। ऐसे में क्षेत्र का काम कैसे हो सकेगा। यह वेबसाइट इसमें कारगर होगी।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट 'एमपीएलएडीएस डॉट एनआईसी डॉट इन' पर आप अपनी बात लिख सकते हैं। इस योजना का पूरा नाम है 'मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम'।
ऐसे भेजें प्रस्ताव :
वेबसाइट में सिटीजन सजेशन बिंदु पर क्लिक करेंगे। इसके बाद प्रस्ताव फार्म खुलकर सामने आ जाएगा। उसमें मकान नंबर, जिला, स्कीम का नाम, एमपी टाइप (लोकसभा या राज्यसभा सदस्य), राज्य, ब्लॉक, सेक्टर, लोकेशन जैसी जानकारियां भरनी होंगी। आखिर में काम बताना होगा। जो आप बताना चाहते हैं वह इस पर दर्ज करा दें।
ऐसे होगी समीक्षा :
भारत सरकार ने निर्देशों में कहा है कि वेबसाइट पर डाले जाने वाले संबंधित प्रस्ताव की एक कॉपी ऑनलाइन सांसद के पास जाएगी तो दूसरी सरकार के पास आएगी। हर माह सांसद के जरिये होने वाले कार्य की मॉनीटरिंग सरकार की ओर से तैनात अधिकारी करेंगे।
इस वेबसाइट की जानकारी देने के लिए विकास विभाग के दो कर्मचारियों को भारत सरकार की ओर से प्रशिक्षित किया गया है। ये अन्य लोगों को ब्लॉक स्तर पर कैम्प लगाकर प्रशिक्षण देंगे।
सांसद बनने के बाद नेता व्यस्त हो जाते हैं। आम शिकायत है कि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में नहीं मिलते। वे दिल्ली या अन्य जगहों पर निवास करते हैं। जनता उनके दर्शन को तरसती है। ऐसे में क्षेत्र का काम कैसे हो सकेगा। यह वेबसाइट इसमें कारगर होगी।
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