बाड़मेर के व्यवसायी से पन्द्रह लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में मुख्य आयकर आयुक्त पीके शर्मा व आईटीओ शैलेन्द्र भण्डारी के गिरफ्त में आते ही आयकर विभाग ने फरियादी व्यवसायी तथा उसके क्लाइंटस के सभी 71 बैंक खाते रिलीज करने के आदेश कर दिए।
उधर, भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे आयकर विभाग के अधिकारियों की पूरी चेन को शिकंजे में लेने की तैयारी सीबीआई कर रही है। रिमाण्ड पर चल रहे मुख्य आयुक्त शर्मा, आईटीओ भण्डारी तथा ज्वैलर चंद्रप्रकाश कट्टा से पूछताछ कर रही है। इनसे तस्दीक के बाद कुछ और अधिकारी भी गिरफ्त में आ सकते हैं।
बेहिसाब सम्पत्ति को देखते हुए शर्मा के खिलाफ सीबीआई आय से अधिक सम्पत्ति का मामला भी दर्ज करने की तैयारी में है। बताया जाता है कि इन खातों को जारी करने के आदेश मुख्य आयकर आयुक्त ने पहले से ही दे रखे थे, केवल रिश्वत की राशि लेने के लिए इस आदेश को रोका गया था।
इधर ज्योंही रिश्वत का यह प्रकरण उजागर हुआ, विभाग ने बुधवार को इन बैंक खातों से रोक हटा दी। इस बारे में विभाग ने व्यवसायी के सीए को सूचित भी कर दिया।
मुख्य आयुक्त के बड़े फैसले जांच के दायरे में
सीबीआई मुख्य आयकर आयुक्त की ओर से गत तीन माह में किए गए फैसलों की भी जांच करेगी। भ्रष्टाचार के संदेह में अब इन फैसलों से संबंधित पत्रावलियां भी खंगाली जा सकती है। इस संबंध में दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
उधर, मुख्य आयुक्त के कार्यालय, गेस्ट हाउस व आवास से कब्जे में लिए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इधर अन्य नामजद आरोपी आयुक्त ओपी मीणा व ज्वॉइंट कमिश्नर जयसिंह भी संदेह के दायरे में है। बाड़मेर के सहायक आयुक्त राकेश राणा से भी पूछताछ की जा चुकी है।
बेनामी संपत्तियों की जांच
सूत्रों के अनुसार गिरफ्त में आने के बाद गेस्ट हाउस व अजमेर स्थित आवास की जांच में मुख्य आयुक्त के पास करोड़ों रुपए की सम्पत्ति सामने आई थी। देश के चार बड़े-बड़े शहरों में फार्म हाउस के साथ बंगले भी उनके पास है।
एेसे में आशंका है कि उन्होंने करोड़ों रुपए बेनामी सम्पत्ति में भी लगा रखे होंगे। इस संबंध में आयुक्त से जुड़े एक बिल्डर व एक अन्य व्यक्ति की भूमिका सामने आ रही है। जिसके बारे में जांच की जा रही है।
ज्वैलर से खुल सकते हैं अनेक राज
सीबीआई के अधिवक्ताओं ने अदालत में मजिस्ट्रेट के समक्ष दावा किया था कि आरोपियों से पूछताछ में अनेक बड़े खुलासे होंगे। कई और अधिकारी गिरफ्त में आ सकते हैं। इसी कड़ी में सीबीआई रिमाण्ड पर चले दोनों अधिकारियों के साथ-साथ ज्वैलर से भी राज उगलवाने में लगी है।
ज्वैलर चंद्रप्रकाश कट्टा आयकर अधिकारियों के लिए घूस लेने में मध्यस्थ की भूमिका निभाता रहा है। उससे यह पता लगाया जा रहा है कि भ्रष्टाचार की दलदल में और कौन-कौन व कितने तक धंसा हुआ है।
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