आगरा में सेंट मेरी चर्च पर हमले से माहौल तनावपूर्ण हो गया है। बुधवार देर रात उपद्रवियों ने चर्च परिसर में लगी मदर मेरी की प्रतिमा तोड़ दी। गुरुवार सुबह जब लोगों ने प्रतिमा जमीन पर गिरी देखी तो आक्रोशित हो उठे। इलाके में तनाव व्याप्त है।
ईसाई समुदाय ने चर्च पर हमले की निंदा की है और पुलिस को इस प्रकरण का सच सामने लाने के लिए 12 घंटे की मोहलत दी है। पुलिस ने बताया कि आगरा के प्रतापपुरा क्षेत्र में सेंट मेरी चर्च परिसर में गुरुवार तड़के ईसाई धर्म के लोगों ने मदर मेरी की प्रतिमा जमीन पर पड़ी देखी। इसके बाद उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी।
पुलिस के मुताबिक, कांच के बक्सों में रखी दो प्रतिमाओं को तोड़ा गया है और मुख्य प्रवेशद्वार का ताला टूटा हुआ है। चर्च परिसर में खड़ी एक कार और नोटिस बोर्ड में भी तोडफ़ोड़ की गई है। चर्च प्रांगण का वह बॉक्स भी टूटा पड़ा है, जिसमें प्रतिमा लगाई गई थी।
पुलिस को सिर्फ 24 घंटे का समय
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रतिमा तोड़े जाने के विरोध में ईसाई धर्म के अनुयायियों ने चर्च के मुख्यद्वार के सामने प्रदर्शन किया। चर्च के भीतर धर्मगुरु इस प्रकरण को लेकर बैठक किए। उन्होंने हमलावरों की पहचान कर सच सामने लाने के लिए पुलिस को सिर्फ 24 घंटे का समय दिया है।
चर्च के पादरी फादर मून ने कहा, 'यह किसी हिंदूवादी संगठन की कारस्तानी लगती है। वे लोग माहौल बिगाडऩा चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने असामाजिक तत्वों को इस तरह की करतूत करने की खुली छूट दे रखी है। ऐसे कृत्यों का एकमात्र मकसद वोटों के ध्रुवीकरण का रास्ता तैयार करना है।
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