पंचायत राज संस्थाओं में नवनिर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके निकट संबंधी-रिश्तेदारों तथा अन्य लोगों का कार्यालय के कामकाज दखल अब नहीं चलेगा। ऎसे हालात सामने आने पर संबंधित निर्वाचित जनप्रतिनिधि को हटाने व निलंबन की कार्रवाई होगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव ने जिला कलक्टर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पत्र भेजकर पंचायत राज संस्थाओं में परिजनों की दखल की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देने को कहा है। ऎसा पाए जाने पर संबंधित निर्वाचित प्रतिनिधि एवं सहयोग करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई प्रारंभ कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
यह है कानूनी प्रावधान
पंचायत राज संस्था के निर्वाचित सदस्य-पदाधिकारी स्वयं कार्य संचालित नहीं कर यदि अपने रिश्तेदार-संबंधी से कार्य संपादित करवाते हंै तो यह कर्तव्य निर्वहन में असमर्थता एवं दुराचरण की श्रेणी में आता है।
किसी भी पंचायत राज संस्था में ऎसा पाए जाने पर संबंधित सदस्य, अध्यक्ष, पदाधिकारी के विरूद्ध राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 38 के अंतर्गत हटाने व निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इस व्यवहार में सहयोग करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध भी सीसीए नियमों में कार्रवाई होगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव ने जिला कलक्टर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पत्र भेजकर पंचायत राज संस्थाओं में परिजनों की दखल की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देने को कहा है। ऎसा पाए जाने पर संबंधित निर्वाचित प्रतिनिधि एवं सहयोग करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई प्रारंभ कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
यह है कानूनी प्रावधान
पंचायत राज संस्था के निर्वाचित सदस्य-पदाधिकारी स्वयं कार्य संचालित नहीं कर यदि अपने रिश्तेदार-संबंधी से कार्य संपादित करवाते हंै तो यह कर्तव्य निर्वहन में असमर्थता एवं दुराचरण की श्रेणी में आता है।
किसी भी पंचायत राज संस्था में ऎसा पाए जाने पर संबंधित सदस्य, अध्यक्ष, पदाधिकारी के विरूद्ध राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 38 के अंतर्गत हटाने व निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इस व्यवहार में सहयोग करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध भी सीसीए नियमों में कार्रवाई होगी।
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