जयपुर। राजस्थान विधानसभा में जयपुर शहर में संचालित कोचिंग सेंटर का मामला उठा। बांदीकुई विधायक अलका सिंह ने सोमवार को शून्यकाल के दौरान जयपुर शहर में संचालित अवैध कोचिंग सेंटर का मुद्दा उठाया।
सिंह ने कहा कि जयपुर के लालकोठी क्षेत्र सहित कई जगहों पर अवैधरूप से कोचिंग सेंटर संचालित है। उन्होंने बताया कि पिछले सत्र में उन्होंने ये मामला उठाया था लेकिन तब एक समाचार पत्र ने इसमें उनका निजी हित बता दिया था।
सिंह ने अध्यक्ष से संरक्षण मांगते हुए कहा कि इसमें मेरा निजी हित नहीं है बल्कि जनता को समस्या से निजात दिलाने का है। उन्होंने कहा कि इन कोचिंग सेंटरों में ना तो फायर सेफ्टी के इंतजाम है और ना ही पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर की गाडिय़ां मैन रोड पर खडी कर दी जाती है जिससे क्षेत्रवासियों को यातायात में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बांदीकुई विधायक ने कोचिंग सेंटरों में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के रहने का मामला भी उठाया।
उन्होंने कहा कि बिना पुलिस वेरिफिकेशन के इन कोचिंग सेंटर के हॉस्टलों में आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी रहते है। कोचिंग सेंटर बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए पैसों के लालच में इन लोगों को रहने देती है।
उन्होंने कहा कि अधिकांश कोचिंग सेंटरों में आग से बचने के उपकरण नहीं है ऐसे में अगर कोई घटना हो जाती है तो विद्यार्थियों की जान जोखिम में पड़ सकती है। अलका सिंह ने नगरीय विकास मंत्री से अवैधरूप से संचालित कोचिंग सेंटरों के लिए नियम बनाने की मांग की।
नगरीय विकास मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने बताया कि कोचिंग सेंटरों के लिए बायलॉज बनाने का काम नगरीय विकास विभाग का नहीं है। ये काम शिक्षा विभाग का है फिर भी इस बारे में शिक्षा विभाग को लिखा जाएगा।
मंत्री ने बताया कि कोचिंग संस्थानों के लिए कोई नियम नहीं बना हुआ है लेकिन हॉस्टलों के लिए नियम है। ऐसे में कोचिंग सेंटरों के लिए भी नियम बनाए जाएंगे। गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हॉस्टलों में रहने वालों का पुलिस वेरिफिकेशन कराना जरूरी है।
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