बायतु विधायक कैलाश चौधरी ने कवास से बायतु तक पांच रेलवे समपार स्वीकृत
करवाने की मांग रखी।
जयपुर-31 मार्च 2015- बायतु विधायक कैलाश चौधरी ने आज विधानसभा की
कार्यवाही के दौरान नियम-295 के तहत कवास से बायतु तक एक रेलवे फाटक और
चार रेलवे समपार स्वीकृत करवाने की मांग रखी।
विधान सभा क्षैत्र, बायतु विषम भौगोलिक परिस्थितियों से गुजर रहा है।
यहॉं के निवासी पानी, बिजली, षिक्षा, सड़क मार्ग आदि की समस्या से गुजर
रहे हैं, इसके साथ कवास से बायतु रेलवे स्टेषन के बीच 27 कि.मी. के बीच
रेलवे का कोई समपार या रेलवे का फाटक नहीं है। इस कारण रेल्वे लाईन के
दोनों ओर बसे हुए किसानों को और बाहर से आने वाले लोगों को अनेक प्रकार
की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। कवास और बायतु रेलवे स्टेषनों के
बीच बनिया सांडा धोरा रेल्वे स्टेषन आता है, वहॉं की स्थिति ओर भी विकट
है। यहॉं पर कैयर्न का बड़ा लोडिंग अनलोडिंग का स्थान भी है।
भारत का शायद यह एक मात्र रेल्वे स्टेषन है, जहॉं पर यात्रियों व वाहनों
के लिए समपार की कोई सुविधा नहीं है। किसानों को अपने खेतों में जाने के
लिए भी 25 से 30 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है तथा अंतिम समय में
मोक्षधाम ले जाने के लिए भी इतनी ही दूरी तय करनी पड़ती है। जबकि
नियमानुसार रेल्वे स्टेषन पर भी रेल्वे लाईन को क्रास करना या पार करना
कानूनी रूप से अपराध की श्रेणी में आता है। जब सरकार नियम बना देती है तो
उन नियमों को ध्यान में रखकर जनता को सुविधाऐं प्रदान करने की
प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए।
इसके समाधान हेतु बनिया सांडा धोरा रेल्वेे स्टेषन के पास-कि.मी. 800 के
4.0 से 4.5 के बीच रेल्वे फाटक और चार अन्य स्थानों पर अण्डर पास की
स्वीकृति दिलवाने की महŸती आवष्यकता है।
निम्बाणियों की ढ़ाणी के पास- कि.मी. 806 के 4.0 से 4.5 के बीच।
गोदारों व बलियारों की ढ़ाणी के पास-कि.मी. 796 के 8 व 9 के बीच।
लाधोंणियों की ढ़ाणी के पास- कि.मी. 792 के 7 व 9 के बीच।
बायतु रेल्वेे स्टेषन के पास-कि.मी. 786 के 8 से 9 के बीच।
राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष बजट में रेल्वे अन्डरपासों की स्वीकृति जारी
की है। चुरू जिले में सिर्फ 05 किमी की दूरी पर ही 03 रेलवे अण्डरपासों
की स्वीकृति दी जा सकती है तो क्यों न पष्चिमी राजस्थान की विषम भौगोलिक
परिस्थितियों को देखते हुए कवास से बायतु रेलवे स्टेषन के बीच 27
किलोमीटर के बीच बनिया सांडा धोरा रेल्वेे स्टेषन के पास-कि.मी. 800 के
4.0 से 4.5 के बीच रेल्वे फाटक और अन्य तीन स्थानों पर रेलवे अण्डरपासों
का तोहफा जनता को दिया जाना चाहिए।
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