उचित मूल्य की दुकान से खाली हाथ लौटने वाले उपभोक्ताओं को राज्य सरकार "राशन भत्ता" देगी। केन्द्र सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने हाल में इसकी अधिसूचना जारी की है।
भत्ता उन्ही उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिनकी पुष्टि नोडल अधिकारी करेगा। भत्ते की राशि उपभोक्ता के बैंक खाते में सीधे डाली जाएगी। यदि उपभोक्ता बैंक खाते से नहीं जुड़ा है तो पहले माह उसे भत्ते की राशि का नकद भुगतान किया जाएगा, उसके बाद अगले माह से उपभोक्ता को बैंक प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसका दावा तीन सप्ताह के भीतर करना होगा।
ऎसा नहीं होता है तो समझा जाएगा कि उपभोक्ता को भत्ते की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले भत्ते की गणना संबंधित खाद्यान्न की न्यूनतम समर्थन मूल्य की 1.25 गुणा कीमत से होगी।
खाद्य विभाग के अनुसार केन्द्र सरकार की ओर से राजस्थान के 4.46 करोड़ उपभोक्ताओं को राशन सामग्री का आवंटन होता है, जबकि यहां 5.33 करोड़ उपभोक्ता योजना में चयनित हैं।
ऎसे मिलेगा भत्ता
राज्य सरकार का नियुक्त नोडल अधिकारी भत्ते की सिफारिश से पहले पुष्टि करेगा कि संबंधित उपभोक्ताओं को राशन क्यों नहीं मिला ? यदि उचित मूल्य दुकानदार ने जानबूझकर राशन नहीं दिया तो इसकी शिकायत जिला शिकायत निवारण अधिकारी के यहां होगी। इसके बाद उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।
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