अब नौकरी से पहले राज्य सरकार 5 लाख रुपए और दो साल नौकरी की गारंटी का बांड भरवाएगी। राजस्थान विधानसभा में चिकित्सा राज्य मंत्री एवं संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने ये बात कही।
सदन में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक मानिक चंद सुराणा ने प्रदेश में डॉक्टरों और एएनएम की भर्ती का मामला उठाया।
सुराणा ने पूछा कि मेरिट में चयनित होने के बावजूद प्रदेश में एनएनएम को नियमित नियुक्ति क्यों नहीं दी गई। जवाब में संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जिन एएनएम को मेरिट के आधार पर चयन हुआ है उनका प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बाद उन्हें नियमित कर दिया जाएगा।
सुराणा ने पैरामेडिकल स्टाफ में रिक्तियां जाननी चाही और पूछा कि सरकार कब तक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती करने वाली है। इसके जवाब में राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में पैरामेडिकल के कुल 31686 पद खाली पड़े है। उन्होंने कहा कि 24 मार्च 2015 तक 20082 पदों पर नियुक्ति दे दी जाएगी।
राठौड़ ने बताया कि आजकल चिकित्सा सेवा का नहीं व्यवसाय का माध्यम हो गया है जिसके चलते डॉक्टर निजी सेक्टर में दिलचस्पी दिखा रहे है।
सरकारी नौकरी छोड़कर निजी अस्पताल जॉइन करने वाले डॉक्टरों पर मंत्री ने कहा कि सरकार अब डॉक्टरों से 2 साल नौकरी और 5 लाख रुपए का बॉन्ड भरवाएगी जिससे डॉक्टर नौकरी छोड़कर ना जा सकें। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टरों को 2 साल का बॉन्ड भरकर देना होगा वहीं सरकारी सेवा में कार्यरत डॉक्टर जिन्हें पीजी करना है उन्हें भी बॉन्ड भरना होगा।
जैसलमेर विधायक छोटू सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में डॉक्टर जॉइन ही नहीं करते है। जिन डॉक्टरों ने जॉइन किया हुआ है वो भी यहां से छोड़कर जाना चाहते है।
सवाल के जवाब में चिकित्सामंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में डॉक्टरों के ठहराव के लिए उन्हें अलग से भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जैसलमेर सहित सीमावर्ती जिलों में तीन श्रेणियां बनाई गईं। सीमा के एकदम नजदीक बी 3 श्रेणी होगी। श्रेणी के हिसाब से डॉक्टरों को 25 हजार रुपए तक अधिक दिया जाएगा।
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