बुधवार, 11 मार्च 2015

बैतूल/मुंबई।इंजीनियर ने अपनी HIV पॉजिटिव फैमिली को कार में जिंदा जलाया



बैतूल/मुंबई।

मध्यप्रदेश के बैतूल में एक इंजीनियर द्वारा अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चियों को कार में जिंदा जलाने का रोंगटे खड़ा कर देने वाला मामला सामने आया है। महाराष्ट्र के रहने वाले इंजीनियर के मुताबिक उसे और उसकी पत्नी को एड्स हो गया था और इस वजह से उसने ये कदम उठाया।



मामले का खुलासा इंजीनियर ने स्वंय महाराष्ट्र पुलिस के सामने घटना के सात दिन बाद किया। बैतूल पुलिस ने तीनों की लाश नरकंकाल के रूप में बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए फोरेंसिक लैब भोपाल भेजी है।




पुलिस मान रही हत्या का मामला

आरोपी का कहना है कि उसे, उसकी पत्नी और एक बच्ची को एचआईवी पॉजिटिव निकला था इसके बाद सभी ने एक साथ आत्महत्या करने का निर्णय किया। दूसरी ओर पुलिस इसे षडयंत्र के तहत हत्या का मामला मान रही है। जांच के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा।




पुलिस के मुताबिक आरोपी प्रवीण ने तीन मार्च को अपनी इंजीनियर पत्नी शिल्पा और अपनी दो मासूम बच्चियों सरवरी (9) और प्रणति (2) को कार सहित खाई में फेंक दिया और बाद में कार में पेट्रोल डाल कर आग लगा दी। आरोपी घटना के समय अपने परिवार के साथ अपने गृह नगर अमरावती से छतरपुर आ रहा था। आरोपी ने घटना के करीब छह दिन बाद अमरावती पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।




कार में बरामद हुए तीनों कंकाल

पुलिस ने आरोपी की बताई जगह पर जली कार और उसमे से तीनों कंकाल बरामद कर लिए है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने छह महीने पहले थकान के चलते छतरपुर की एक निजी प्रयोगशाला में जांच कराई, जिसमें उसे एचआईवी पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। इसके बाद उसने अपनी पत्नी की भी जांच कराई तो उसे भी यही बीमारी निकली। उसकी छोटी बेटी को भी इसी बीमारी के लक्षण दिख रहे थे।




पत्नी की सलाह पर लिया सुसाइड का फैसला

आरोपी का कहना है कि उसने पत्नी के साथ सलाह कर आत्महत्या करने का निर्णय लिया था। तीनों की हत्या के बाद उसने तीन बार आत्महत्या की कोशिश की , लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसके बाद उसने आत्मसमर्पण कर दिया। दूसरी ओर शिल्पा के घर वालों ने पूरे मामले को साजिश बताते हुए इसकी जांच की मांग की है।




हत्या का मामला दर्ज

एसडीओपी मुलताई बी के बवारिया ने बताया कि प्रवीण ने नौ मार्च को अमरावती पुलिस के समक्ष अपना अपराध कबूल किया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और डीएनए और एचआईवी जांच के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा। दूसरी ओर इस बात की भी जांच की जा रही है कि निजी प्रयोगशाला के संचालक ने सरकारी डाक्टरों को इस जांच रिपोर्ट से अवगत कराया था या नहीं।

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