सोमवार, 5 जनवरी 2015

रणनीति है या बगावत का डर

रणनीति है या बगावत का डर

पंचायती राज चुनावों के लिए प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने के बजाय बीजेपी उन्हे सीधे सिंबल देने के मूड में है| मैराथन बैठक के बाद पार्टी ने प्रभारी मंत्रियो को लिस्ट फाइनल कर सौंप दी है और वो ही आगे प्रत्याशियो को सिंबल बांटेंगे| यह पार्टी की रणनीति है या फिर बगावत का डर|

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प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों में प्रत्याशियों की पहली लिस्ट फाइनल करने को लेकर बीजेपी में रविवार को दिन भर बैठकों का दौर चलता रहा| प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और पंचायत चुनाव प्रभारी गुलाबचन्द कटारिया जिलावार प्रभारी मंत्रियों और प्रभारियों से लिस्ट को लेकर माथापच्ची करते रहे| इस दौरान अधिकांश सीटो पर प्रत्याशियों को लेकर बैठक में सहमति भी बन गई और प्रदेश कमेटी ने प्रभारी मंत्रियों को प्रत्याशियों की लिस्ट भी सौंप दी| साथ ही प्रभारी मंत्रियों को सिंबल बांटने से लेकर नामांकन भराने का जिम्मा भी सौंपा गया| प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी की माने तो प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर दिए गए हैं और प्रभारी मंत्रियों को सिंबल के लिए अधिकृत कर दिया गया है|

उधर, प्रभारी मंत्री और प्रभारी भी प्रत्याशियों की लिस्ट पर प्रदेश कमेटी से मुहर लगवाकर जिलों में निकल गए हैं| वहीं, बीकानेर में कांग्रेस की लिस्ट जारी होने के बाद ही बीजेपी अपने प्रत्याशी घोषित करने की बात कर रही हैं|



प्रभारी मंत्रियों को अधिकृत करने के फैसले से ये साफ हो गया है कि निकाय चुनावों की तर्ज पर ही बीजेपी अपनी लिस्ट जारी करने की बजाय सीधे प्रत्याशियों को सिंबल बांटेगी, जिससे चुनावों से पहले टिकट बंटवारे को लेकर होने वाले विवाद से बचा जा सके|

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