स्वामी विवेकानन्द के विचारो को जीवन में आत्मसात करने की जरूरत - शान्ति
बाडमेर 12 जनवरी ( )स्वामी विवकानन्द ने कहा कि स्वाधीन ता के बिना किसी भी प्रकार की उन्नति असंभव है ।क्योकि उन्नति की पहली शर्त स्वाधीनता है ।यह हमें विचारो की अभिव्यक्ति के साथ-साथ पोषाक/पहनावे /खान-पान में मिलनी चाहिये । लेकिन यह भी ध्यान रहे वह दूसरो को हानि न पहुचाये । ये बात आज बाडमेर जिले केसिणधरी सीनीयर माध्यमिक विधालय छात्रा में नेहरू युवा केन्द्र एंवम क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय बाडमेर द्वारा युवा दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी को सम्बोन्धित करती प्राचार्य सुश्री शान्ति ने व्यक्त किये । उन्होने इस अवसर पर छात्राओ को बताया कि जीवन में केरियर बनाने के लिये स्वामी जी के दर्शन ंएंवम विचारो को पढने के साथ आत्मसात करने की जरूरत बतायी ।
विचार गोष्ठी को सम्बोन्धित करते नेहरू युवा केन्द्र केयुवा समन्वयक ओमप्रकाश जोशी ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द ने अपने विचारो से ना केवल देश में बल्कि विश्व में देश की पहचान को बढाने में महत्चपूर्ण भूमिका निभायी ।
विचार गोष्ठी को सम्बोन्धित करते क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नरेन्द्र कुमार एंवम वरिष्ठ अध्यापक नारायणसिंह सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश ने भी स्वामी विवेकानन्द से जुडी अनेक संस्मरण की विस्तृत रूप् से जानकारी प्रदान करने क साथ आज का दिन केरियर डे के रूप् में क्यो मनाते की भी जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ छा़त्राआ के प्रश्नो एंवम जिज्ञासाओ का निराकरण भी किया ।
इस अवसर पर स्कूल की अध्यापिकाओ क्रमश अजु/कविता/बीना/पुष्पा/अमृतकौर/विमला इत्यादि ने भी स्वामी विवेकानन्द की जीवनी / शिक्षा एंवम दर्शन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि हमें आज के दिन यह संकल्प लेना है कि देश के विकास एंवम उन्नति के लिये हमेशा सजग रहना है ।
चित्रकला /निबंध एंवम मोखिक प्रश्नोतरी प्रतियोगिताओ का आयोजन
युवा दिवस के उपलक्ष पर छात्रा सीनीयर विधालय में स्वामी विवेकानन्द के शिक्षा एंवम दर्शन पर आधारित अनेक प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया जिसमें छात्राओ ने बढ-चढकर भाग लिया । इन प्रतियोगिताओ में करीब 25विजेता प्रतिभागिया को अतिथियो के कर-कमलो से पृरस्कृत भी किया गया ।
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