बेड़ियों से जकड़े 9 साल के मासूम को खुले में काटनी पड़ी सर्द रात
बूंदी| बूंदी शहर के नैनवां रोड क्षेत्र में मानवता का तार-तार करने की घटना सामने आई है। घटना लोगों को सकते में डालने वाली है, क्योंकि जिस जगह यह मामल सामने आया उस जगह पर अनाथ बच्चों को सहारा दिया जाता है।
कड़ाके की सर्दी में 9 वर्षीय मासूम बालक पैरो में जंजीरों से जकड़े हुए खुले आसमान सुबह की इंतजार में रात भर बैठा रहा। सवेरे पुलिस की नज़रे बालक पर पड़ी तो उसे उठाकर पहले उसकी बेड़ियां कटवाई| जिला कलक्टर आनंदी को मामले की जानकारी मिलते ही उन्होंने घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल अधिकारियों का दल गठित कर मौके पर भेजा।
कोतवाली पुलिस ने बालक को मेडीकल करवाने के बाद मानव तस्करी प्रभारी कैलाश जाट को सौंप दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह बालक मंदबुद्धि व अनाथ है तथा बालक की देखभाल सामाजिक संस्था सर्वोदय संस्था द्वारा संचालित वाणी विशेष विद्यालय द्वारा की जा रही थी।
शनिवार रात बेड़ियों में जकड़े हुए मिला बालक विद्यालय से कैसे निकला इसको लेकर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। गौरतलब है कि विद्यालय में 150 बालकों को नामांकन है, जबकि 25 बच्चे आवासीय बताए जा रहे हैं। जिस कमरे से बालक निकला वह कमरा काल कोठरीनुमा मिला है।
बूंदी| बूंदी शहर के नैनवां रोड क्षेत्र में मानवता का तार-तार करने की घटना सामने आई है। घटना लोगों को सकते में डालने वाली है, क्योंकि जिस जगह यह मामल सामने आया उस जगह पर अनाथ बच्चों को सहारा दिया जाता है।
कड़ाके की सर्दी में 9 वर्षीय मासूम बालक पैरो में जंजीरों से जकड़े हुए खुले आसमान सुबह की इंतजार में रात भर बैठा रहा। सवेरे पुलिस की नज़रे बालक पर पड़ी तो उसे उठाकर पहले उसकी बेड़ियां कटवाई| जिला कलक्टर आनंदी को मामले की जानकारी मिलते ही उन्होंने घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल अधिकारियों का दल गठित कर मौके पर भेजा।
कोतवाली पुलिस ने बालक को मेडीकल करवाने के बाद मानव तस्करी प्रभारी कैलाश जाट को सौंप दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह बालक मंदबुद्धि व अनाथ है तथा बालक की देखभाल सामाजिक संस्था सर्वोदय संस्था द्वारा संचालित वाणी विशेष विद्यालय द्वारा की जा रही थी।
शनिवार रात बेड़ियों में जकड़े हुए मिला बालक विद्यालय से कैसे निकला इसको लेकर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। गौरतलब है कि विद्यालय में 150 बालकों को नामांकन है, जबकि 25 बच्चे आवासीय बताए जा रहे हैं। जिस कमरे से बालक निकला वह कमरा काल कोठरीनुमा मिला है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें