मौत के साये में पढ़ेंगे सिरोही के 425 मासूम
सिरोही। तीन दिन पूर्व पेशावर में 132 बच्चों की मौत ने भले पूरी दुनिया को गमगीन किया, लेकिन सिरोही में शिक्षा विभागीय अधिकारियों को शायद मासूम जिन्दगियों की परवाह नहीं।जिला मुख्यालय पर अब 425 बच्चे मौत के साए में पढ़ेंगे। शिक्षा विभाग ने सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से जर्जर घोषित भवन में शहर की पांच स्कूलों को मर्ज करके एक जनवरी से वहां पढ़ाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। विवेकानंद राजकीय माध्यमिक विद्यालय की दो शिफ्ट में फिलहाल 163 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। बग्गीखाना, सर केएम व उत्तरी मेघवालवास स्कूल को शिफ्ट करने से यहां 425 विद्यार्थी नामांकित हो जाएंगे।
स्कूल के कई कमरे और छतें इस कदर जर्जर हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। दीवारों व छतों से अक्सर चूना और पत्थर गिरते रहते हैं। अब गिरा अब गिरा स्थिति में आ चुके इस भवन में पढ़ाने वाले अध्यापक भी हादसे को लेकर आशंकित नजर आते हैं।
स्टोर व कक्ष तक क्षतिग्रस्तभवन की जर्जर हकीकत प्रवेश द्वार पर ही नजर आती है। जर्जर कक्षा-कक्षों के चलते यह स्कूल दो पारी में संचालित होता है। सुबह की पारी में राजकीय माध्यमिक विद्यालय एवं दूसरी पारी में राजकीय प्राथमिक विद्यालय का संचालित होती है। जिन कक्षा-कक्षों में शिक्षक पढ़ाई करवाते हैं उनकी हालत भी दयनीय है। कक्ष के दरवाजे भी क्षतिग्रस्त हैं। संस्था प्रधान कार्यालय व स्टोर कक्ष भी क्षतिग्रस्त अवस्था में है। कक्ष में रखी सामग्री पर धूल का जमाव होता है।
चाहिए सुरक्षित भवन
बग्गीखाना स्कूल की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका श्रीमती श्याम कुंवर देवड़ा ने बताया कि विवेकानन्द राजकीय स्कूल नाकारा घोषित की हुई है। ऎसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई नाकारा भवनों में कैसे कराई जा सकती है। विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाने के लिए सुरक्षित भवन जरूरी है।
व्यवस्था होने पर ही बिठाएंगे...
विवेकानन्द स्कूल में स्कूल मर्ज होगी। ऎसे में अगर वहां की भौतिक स्थिति, विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था नहीं है तो सम्बंधित स्कूल को पहले की भांति चल रहे स्कूलों में संचालित करने के बारे में दिशा-निर्देश देंगे। साथ ही मर्ज स्कूलों पर प्रशासनिक नियंत्रण रहेगा।
सैयद अली सैयद, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) सिरोही
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स्कूल के कई कमरे और छतें इस कदर जर्जर हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। दीवारों व छतों से अक्सर चूना और पत्थर गिरते रहते हैं। अब गिरा अब गिरा स्थिति में आ चुके इस भवन में पढ़ाने वाले अध्यापक भी हादसे को लेकर आशंकित नजर आते हैं।
स्टोर व कक्ष तक क्षतिग्रस्तभवन की जर्जर हकीकत प्रवेश द्वार पर ही नजर आती है। जर्जर कक्षा-कक्षों के चलते यह स्कूल दो पारी में संचालित होता है। सुबह की पारी में राजकीय माध्यमिक विद्यालय एवं दूसरी पारी में राजकीय प्राथमिक विद्यालय का संचालित होती है। जिन कक्षा-कक्षों में शिक्षक पढ़ाई करवाते हैं उनकी हालत भी दयनीय है। कक्ष के दरवाजे भी क्षतिग्रस्त हैं। संस्था प्रधान कार्यालय व स्टोर कक्ष भी क्षतिग्रस्त अवस्था में है। कक्ष में रखी सामग्री पर धूल का जमाव होता है।
चाहिए सुरक्षित भवन
बग्गीखाना स्कूल की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका श्रीमती श्याम कुंवर देवड़ा ने बताया कि विवेकानन्द राजकीय स्कूल नाकारा घोषित की हुई है। ऎसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई नाकारा भवनों में कैसे कराई जा सकती है। विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाने के लिए सुरक्षित भवन जरूरी है।
व्यवस्था होने पर ही बिठाएंगे...
विवेकानन्द स्कूल में स्कूल मर्ज होगी। ऎसे में अगर वहां की भौतिक स्थिति, विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था नहीं है तो सम्बंधित स्कूल को पहले की भांति चल रहे स्कूलों में संचालित करने के बारे में दिशा-निर्देश देंगे। साथ ही मर्ज स्कूलों पर प्रशासनिक नियंत्रण रहेगा।
सैयद अली सैयद, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) सिरोही
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