गुरुवार, 18 दिसंबर 2014

गांवों की सरकार चुनने के लिए आएगा 100 करोड से ज्यादा का खर्च

गांवों की सरकार चुनने के लिए आएगा 100 करोड से ज्यादा का खर्च
— पंचायत चुनावों में आएगा 100 करोड से ज्यादा का खर्च
— राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किया चुनाव का बजट
— राज्य निर्वाचन आयुक्त् रामलुभाया ने कहा
— आयोग के पास है पर्याप्त बजट
— अकेले पुलिस पर ही 11 करोड से ज्यादा का आएगा खर्च




जयपुर| गांवों की सरकार चुनने के लिए हो रहे पंचायत चुनावों में 100 करोड रुपए से ज्यादा का खर्च आएगा। यह शुरुआती आकलन है, चुनाव खर्च 125 करोड तक भी जा सकता है। राज्य निर्वाचन आयुक्त् रामलुभाया ने कहा है कि पंचायत चुनाव बहुत बडा है और उसमें कई व्यवस्थाएं करनी होती है, इसलिए खर्च भी ज्यादा आता है।

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अभी 100 करोड से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। केवल पुलिस व्यवस्था पर ही 11 करोड रुपए से ज्यादा का खर्च आएगा, जबकि चुनाव में लगने वाले कर्मचारियों के टीए डीए, वाहनों की व्यवस्था और दूसरी चुनावी व्यवस्थाओं पर काफी खर्च आता है।पंचायतीराज में थ्री टीयर सिस्टम है। सबसे निचली इकाई ग्राम पंचायत, फिर पंचायत समिति और उसके उपर जिला परिषद है। ग्राम पंचायत के लिए सरपंच और वार्ड पंच के चुनाव साथ होते हैं। पंचायत समिति और जिला परिषद के अलग अलग वार्ड बने हुए हैं।

प्रधान, जिला प्रमुख, पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव ही पार्टी सिंबल पर :
पंचायत समिति सदस्य मिलकर प्रधान का और जिला परिषद सदस्य जिला प्रमुख का चुनाव करते हैं। पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों, प्रधान और प्रमुख के चुनाव पार्टी के चुनाव चिन्ह पर होते हैंं।


बिना पार्टी के होते हैं पंच सरपंच के चुनाव :
पंचायतीराज चुनावों में पंच और सरपंच के चुनावों को सबसे कडा मुकाबले वाले चुनाव माना जाता है। प्रचार के लिए केवल एक दिनप मिलता है, नामांकन भरने के अगले ही दिन इनकी वोटिंग होती है। वार्ड पंच और सरपंच के चुनाव बिना पाटर्भ् के होेते है। यानी इन चुनावों में किसी भी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार नहीं उतारे जाते।

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