बड़ा घोटाला रफादफा
बाड़मेर -- हैंडलूम कॉर्पोरेशन के नाम से फर्जी बिल बना लाखो रुपारो का घोटाला
बाड़मेर लम्बे समय से भरष्टाचार के मामलो का सिलसिलेवार खुलासो के बावजूद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में घोटाले दर घोटाले हो रहे हैं ,लाखो रुपये के घोटालो पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा हैं ,
लम्बे समय से राजनीतिक आकाओ का सरंक्षण प्राप्त एक मेल नर्स विभाग में केशियर कम स्टोरकीपर का काम देख रहा हे नियमविरुद्ध लगे इस स्टोरकीपर की कारस्तानियों का विभागीय अधिकारी भी भागीदार बने हैं ,यह बात राज्य सरकार के आदेश से हुए विशेष ऑडिट जांच में उजागर हुई।
गौरतलब हे की सी एम एच ओ कार्यालय द्वारा स्टोर में स्टोरकीपर द्वारा राजस्थान राज्य स्टेट हैंडलूम कॉर्पोरेशन जयपुर की फर्जी बिल बुको के जरिये लाखो की सामग्री की सप्लाई भी मौजूदा स्टोरकीपर द्वारा की गयी थी ,पुरे मामले को विभागीय स्तर पर रफा दफा कर लिया गया ,कॉर्पोरेशन की जयपुर इकाई से वास्तव में कोई खरीद नहीं की गयी वाही इसकी बाड़मेर इकाई अस्तित्व में ही नहीं हैं। इसके बावजूद बाड़मेर इकाई के फर्जी बिलो के जरिये स्टोरकीपर ने लाखो रुपयो का भुगतान होना बताया गया ,आश्चर्य की बात हैं की यहाँ समय समय पर आई ऑडिट पार्टियो ने भी इस मामले को गोलमाल कर दिया ,बताया जा रहा हैं की राजनितिक आकाओ का वरदहस्त प्राप्त इस स्टोरकीपर ने अनियमित खरीद और फर्जी बिलो से लाखो रुपयो का गबन किया हैं जिसको विभाग दबा रहा हैं क्यूंकि उच्च अधिकारियो की भी इसमे मिलीभगत रही ,गत माह स्टोरकीपर पद पर किसी और का आदेश हुआ तो स्टोरकीपर ने विभागीय दलाल के जरिये छ लाख रुपये आकाओ को भेज आदेश रुकवा दिया ,
स्टोरकीपर की कारस्तानियों का कच्चा चिटठा खुद विभाग के एक अधिकारी ने खोला ,तथा तत्कालीन निदेशक डॉ समिट शर्मा ने पूर्ण जांच तक दिए मगर समिट शर्मा के आदेश ही हवा में उड़ा दिए ,जबकि उसी आदेश प्रति के आधार पर हमने इसका खुलासा किया था ,तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी सहित कई दो नंबर के अधिकारी इस घोटाले में शामिल हैं ,जिनकी पूर्ण निष्पक्ष जांच होनी चाहिए की आखिर फर्जी बिलो के जरिये आखिर लाखो का भुगतान उठाया किसने।
बाड़मेर लम्बे समय से भरष्टाचार के मामलो का सिलसिलेवार खुलासो के बावजूद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में घोटाले दर घोटाले हो रहे हैं ,लाखो रुपये के घोटालो पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा हैं ,
लम्बे समय से राजनीतिक आकाओ का सरंक्षण प्राप्त एक मेल नर्स विभाग में केशियर कम स्टोरकीपर का काम देख रहा हे नियमविरुद्ध लगे इस स्टोरकीपर की कारस्तानियों का विभागीय अधिकारी भी भागीदार बने हैं ,यह बात राज्य सरकार के आदेश से हुए विशेष ऑडिट जांच में उजागर हुई।
गौरतलब हे की सी एम एच ओ कार्यालय द्वारा स्टोर में स्टोरकीपर द्वारा राजस्थान राज्य स्टेट हैंडलूम कॉर्पोरेशन जयपुर की फर्जी बिल बुको के जरिये लाखो की सामग्री की सप्लाई भी मौजूदा स्टोरकीपर द्वारा की गयी थी ,पुरे मामले को विभागीय स्तर पर रफा दफा कर लिया गया ,कॉर्पोरेशन की जयपुर इकाई से वास्तव में कोई खरीद नहीं की गयी वाही इसकी बाड़मेर इकाई अस्तित्व में ही नहीं हैं। इसके बावजूद बाड़मेर इकाई के फर्जी बिलो के जरिये स्टोरकीपर ने लाखो रुपयो का भुगतान होना बताया गया ,आश्चर्य की बात हैं की यहाँ समय समय पर आई ऑडिट पार्टियो ने भी इस मामले को गोलमाल कर दिया ,बताया जा रहा हैं की राजनितिक आकाओ का वरदहस्त प्राप्त इस स्टोरकीपर ने अनियमित खरीद और फर्जी बिलो से लाखो रुपयो का गबन किया हैं जिसको विभाग दबा रहा हैं क्यूंकि उच्च अधिकारियो की भी इसमे मिलीभगत रही ,गत माह स्टोरकीपर पद पर किसी और का आदेश हुआ तो स्टोरकीपर ने विभागीय दलाल के जरिये छ लाख रुपये आकाओ को भेज आदेश रुकवा दिया ,
स्टोरकीपर की कारस्तानियों का कच्चा चिटठा खुद विभाग के एक अधिकारी ने खोला ,तथा तत्कालीन निदेशक डॉ समिट शर्मा ने पूर्ण जांच तक दिए मगर समिट शर्मा के आदेश ही हवा में उड़ा दिए ,जबकि उसी आदेश प्रति के आधार पर हमने इसका खुलासा किया था ,तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी सहित कई दो नंबर के अधिकारी इस घोटाले में शामिल हैं ,जिनकी पूर्ण निष्पक्ष जांच होनी चाहिए की आखिर फर्जी बिलो के जरिये आखिर लाखो का भुगतान उठाया किसने।
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