जालोर। अब ऊंटगाड़ी का भी होगा पंजीकरण
जालोर। राज्य पशु ऊंट को संरक्षण व संवर्द्धन देने के लिए सरकार ने अनूठी पहल की है।
इसके तहत अब पशुपालन विभाग की ओर से प्रदेशभर में ऊंट पालक सहकारी समितियों का गठन करने के साथ ही ऊंट गाडियों का पंजीकरण किया जाएगा।
इसके तहत प्रदेश में ऊंट एवं ऊंट पालकों के विकास के लिए ऊंट पालक सहकारी समितियों का गठन किया गया जाएगा। साथ ही, ऊंट गाडियों का पंजीकरण किया जाएगा। इसके लिए पशु पालन विभाग के निदेशक ने प्रदेशभर में इस कार्य को शीघ्र करने के निर्देश दिए हैं।
पंजीयन से पहले सर्वे
प्रदेश के सभी जिलों में ऊंट गाडियों के पंजीयन से पहले सर्वे किया जाएगा। इसमें ऊंट मालिक का नाम, पता व मोबाइल नम्बर लिया जाएगा। वहीं नस्ल, उम्र एवं लिंग के अनुसार ऊंटों की संख्या, ऊंट गाडियों का सामान्य रहवास, चराई क्षेत्र तथा चराई के लिए ले जाने वाले स्थान के संबंध में पूर्ण जानकारी ली जाएगी।
जिला स्तर पर होगी बैठक
चूंकि ऊंट गाडियों के पंजीयन के लिए प्रदेश के सभी जिलों में सर्वे किया जाएगा। लिहाजा एक माह में सभी जिलों में ऊंट व उनके पालकों की सभी जानकारी की सर्वे रिपोर्ट एकत्रित करनी होगी। इसके बाद जिला स्तर पर बैठक आयोजित होगी।
इसमें सर्वेकर्ता संस्था के प्रभारी व जिले के विभिन्न अंचलों के प्रगतिशील ऊंट पालक भाग लेंगे। बैठक में प्राप्त सूचना की विवेचना करने के बाद सर्वे को अन्तिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद ऊंट पालकों व ऊंट टोलों की सूचना को कम्प्यूटीकृत किया जाएगा।
यह भी रहेगी सुविधा
ऊंट व ऊंट पालकों के सर्वे के दौरान ऊंटों की जानकारी जुड़वाने के इच्छुक ऊंट पालक अपने निकटतम पशु चिकित्सा में जाकर अपना पंजीयन करवा सकते हैं।
मिलेगी विशेष पहचान
राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या एवं उनके संरक्षण देने के लिए यह कवायद शुरू की गई है। सरकार की ओर से शुरू की गई इस कवायद से जहां ऊंट पालन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं ऊंट गाडियों की भी विशेष पहचान बनेगी। साथ ही सर्वे के बाद उनके विकास के लिए योजनाएं लागू की जाएगी।
सर्वे की कवायद शुरू
जिले में ऊंट व ऊट पालकों के सर्वे के लिए निर्देश मिले हंै। जिले की सभी पशु चिकिसा संस्थाओं को निर्देशित कर शीघ्र ही सर्वे शुरू करवाया जाएगा। ताकि ऊंट गाडियों का पंजीयन हो सके। इससे ऊंटों के संरक्षण व संवर्द्धन को बढ़ावा मिलेगा।
- मूलसिंह राठौड़ , संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जालोर -
इसके तहत अब पशुपालन विभाग की ओर से प्रदेशभर में ऊंट पालक सहकारी समितियों का गठन करने के साथ ही ऊंट गाडियों का पंजीकरण किया जाएगा।
इसके तहत प्रदेश में ऊंट एवं ऊंट पालकों के विकास के लिए ऊंट पालक सहकारी समितियों का गठन किया गया जाएगा। साथ ही, ऊंट गाडियों का पंजीकरण किया जाएगा। इसके लिए पशु पालन विभाग के निदेशक ने प्रदेशभर में इस कार्य को शीघ्र करने के निर्देश दिए हैं।
पंजीयन से पहले सर्वे
प्रदेश के सभी जिलों में ऊंट गाडियों के पंजीयन से पहले सर्वे किया जाएगा। इसमें ऊंट मालिक का नाम, पता व मोबाइल नम्बर लिया जाएगा। वहीं नस्ल, उम्र एवं लिंग के अनुसार ऊंटों की संख्या, ऊंट गाडियों का सामान्य रहवास, चराई क्षेत्र तथा चराई के लिए ले जाने वाले स्थान के संबंध में पूर्ण जानकारी ली जाएगी।
जिला स्तर पर होगी बैठक
चूंकि ऊंट गाडियों के पंजीयन के लिए प्रदेश के सभी जिलों में सर्वे किया जाएगा। लिहाजा एक माह में सभी जिलों में ऊंट व उनके पालकों की सभी जानकारी की सर्वे रिपोर्ट एकत्रित करनी होगी। इसके बाद जिला स्तर पर बैठक आयोजित होगी।
इसमें सर्वेकर्ता संस्था के प्रभारी व जिले के विभिन्न अंचलों के प्रगतिशील ऊंट पालक भाग लेंगे। बैठक में प्राप्त सूचना की विवेचना करने के बाद सर्वे को अन्तिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद ऊंट पालकों व ऊंट टोलों की सूचना को कम्प्यूटीकृत किया जाएगा।
यह भी रहेगी सुविधा
ऊंट व ऊंट पालकों के सर्वे के दौरान ऊंटों की जानकारी जुड़वाने के इच्छुक ऊंट पालक अपने निकटतम पशु चिकित्सा में जाकर अपना पंजीयन करवा सकते हैं।
मिलेगी विशेष पहचान
राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या एवं उनके संरक्षण देने के लिए यह कवायद शुरू की गई है। सरकार की ओर से शुरू की गई इस कवायद से जहां ऊंट पालन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं ऊंट गाडियों की भी विशेष पहचान बनेगी। साथ ही सर्वे के बाद उनके विकास के लिए योजनाएं लागू की जाएगी।
सर्वे की कवायद शुरू
जिले में ऊंट व ऊट पालकों के सर्वे के लिए निर्देश मिले हंै। जिले की सभी पशु चिकिसा संस्थाओं को निर्देशित कर शीघ्र ही सर्वे शुरू करवाया जाएगा। ताकि ऊंट गाडियों का पंजीयन हो सके। इससे ऊंटों के संरक्षण व संवर्द्धन को बढ़ावा मिलेगा।
- मूलसिंह राठौड़ , संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जालोर -
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