इंसान की हिम्मत अगर बुलंद हो और खुद पर यकीन हो तो दरिया में भी दरख्त पत्तों की तरह तैरने लगते है।
क्या बिना हाथ-पैर के शख्स के लिए एक साधारण जीवन जीना आसान है, बेशक नहीं।
लेकिन इस दुनिया में एक शख्स ऎसा भी है जो बिना हाथ-पैर होने के बावजूद अपनी इच्छा शक्ति के दम जिंदगी की चुनौतियों को हर दम नीचा दिखाता जा रहा है।
जी हां, ऑस्ट्रेलिया निवासी निक वुजिसी के दोनों हाथ-पैर नहीं है, बावजूद इसके वे फुटबॉल खेलते है, स्विमिंग करते है और अपने सभी शौक पूरा कर लोगों को जज्बे से जीने की सीख देते है।
एक वेबसाइट के अनुसार निक के जन्म से ही दोनों हाथ-पैर नहीं थे, था सिर्फ सिर और धड़। सिर और धड़ वाले शरीर के चलते निक को बचपन से शारीरिक और मानसिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
लेकिन निक ने जिंदगी से प्यार करना सीखा और अपनी इस नाकाबिल शरीर को काबिल बनाया। निक अब दुनियाभर में मोटिवेशनल स्पीकर बन चुके है।
वे लोगों को जीने का जज्बा और मुश्किलों से सामना करने का पाठ पढ़ाते है।
क्या बिना हाथ-पैर के शख्स के लिए एक साधारण जीवन जीना आसान है, बेशक नहीं।
लेकिन इस दुनिया में एक शख्स ऎसा भी है जो बिना हाथ-पैर होने के बावजूद अपनी इच्छा शक्ति के दम जिंदगी की चुनौतियों को हर दम नीचा दिखाता जा रहा है।
जी हां, ऑस्ट्रेलिया निवासी निक वुजिसी के दोनों हाथ-पैर नहीं है, बावजूद इसके वे फुटबॉल खेलते है, स्विमिंग करते है और अपने सभी शौक पूरा कर लोगों को जज्बे से जीने की सीख देते है।
एक वेबसाइट के अनुसार निक के जन्म से ही दोनों हाथ-पैर नहीं थे, था सिर्फ सिर और धड़। सिर और धड़ वाले शरीर के चलते निक को बचपन से शारीरिक और मानसिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
लेकिन निक ने जिंदगी से प्यार करना सीखा और अपनी इस नाकाबिल शरीर को काबिल बनाया। निक अब दुनियाभर में मोटिवेशनल स्पीकर बन चुके है।
वे लोगों को जीने का जज्बा और मुश्किलों से सामना करने का पाठ पढ़ाते है।
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