बाड़मेर अब एक क्लिक पर अपने गाव के जल का हाल
- जल प्रयोगशाला से सहज हुई जाँच ,हजारो सेम्पल जाँचे गए
बाड़मेर
बरसो तक पानी की जाँच के लिए राज्य की राजधानी जयपुर पर निभर रहने वाले बाड़मेर
के लोग अब अपनी ही जमी पर अपने पानी की गुणवत्ता को जान पा रहे है। राष्ट्रिय
ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्ग्रत तहत जिले की आठ ब्लॉक में लग रही जल
प्रोगशालाओ का सीधा लाभ आम जनता को मिल रहा है। बाड़मेर और बायतु में शुरू हो
चुकी इन जल प्रयोगशालो में अब तक हजारो सेम्प्लो की जाँच कर रिपोर्ट लोगो को
मुहये करने के साथ साथ वेबसाइट पर दी डाला जा रहा है जिससे लोग अपने गाव के
पानी की रिपोर्ट घर बैठे कम्प्यूटर के क्लिक से जान सकते है। जन स्वास्थ्य
अभियांत्रिकी विभाग के सीसीडीयू इकाई के आईईसी कन्सलटेंट अशोकसिंह राजपुरोहित
ने बताया कि जिले की सभी ग्यारह हजार तीन सो नब्बे ढाणियों और सभी गावो के
लोगो को उनके यह मौजूद पेयजल स्रोतों के पानी की गुणवत्ता के बारे मे जानकारी
देने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत जल
प्रोगशालाओ की स्थापना की जा रही है जिसमे चलु वित्तीय वर्ष मे अब तक 2200
सेम्पल लेकर उनकी जाँच की जा चुकी है वही बीते वर्ष मे यह आकड़ा 3900 सेम्पल का
था। पहले पानी की जाँच के लिए बाड़मेर जयपुर पर निभर था लेकिन इन जल
प्रोगशालाओ की स्थापना के बाद अपने ही जिले मे पानी की पूरी जानकारी मिल रही
है इतना ही नही यह पूरी जानकारी इण्डिया वाटर की वेबसाइट पर भी डाला जा रहा है
जिससे इसके बारे में कही भी जानकारी ली जा सकती है।जल प्रोगशालाओ मे पिएच
,टीडीएस,हार्डनेश ,नाइट्रेट ,फ्लोराइड ,क्लोराइड ,केल्शियम हार्डनेश मापदंडो
पर बाड़मेर के जल प्रोगशालाओ मे पानी की जाँच की जा रही है इनके लिए इन
प्रोगशालाओ में 6 कार्मिको की तैनातगी भी है।
*हर माह निरक्षण और देखरेख *
राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्ग्रत बाड़मेर में और बायतु में जल
प्रोगशाला बन चुकी है और बाकि जगहों पर इस मार्च से पहले जल प्रयोगशालाएं बन
जाएगी। इस सभी के निर्माण कार्य के साथ साथ सुचारू क्रियान्वयन के लिए जहांहर माह निरक्षण के साथ साथ इनकी नियमित देखरेख भी की जा रही है। जन स्वास्थ्य
अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता नेमाराम परिहार इन प्रोगशालाओ के काम
को लेकर गंभीर होने के साथ साथ आम जनता को इनका सीधा लाभ पहुंचे इसके लिए बेहद
गंभीर नजर आते है। विभाग इस बात को लेकर भी गंभीर है की जिले के हर स्थान के
पानी की जाँच की जाये।
*सामान्य से यांत्रिकी जाँच का सफर *
बदलते वक़्त के साथ हर क्षेत्र मे बदलाव आया है ऐसे मे जल की जाँच का पुराना
तरीका अब बाड़मेर में नजर नही आ रहा है। पहले की सामान्य विधि से हटकर अब
पानी की जाँच यांत्रिकी विधि से की जा रही है और इसके लिए युवी विजीवाल
स्पेक्ट्रो फोटो मीटर सरीखी अत्याधुनिक मशीने भी बाड़मेर की जल प्रोगशाला मे
स्थापित किया गया है। नविन अत्याधुनिक मशीनो के लगाने के बाद जहां पहले से
बेहद कम समय मे पानी की जाँच हो पा रही है वही जाँच रिपोर्ट बेहद सटीक भी नजर
आ रही है।बाड़मेर जल प्रोगशाला मे जूनियर केमिस्ट डाक्टर नेमीचंद खत्री की
देखरेख मे हर रोज कई सेंपल की जाँच करते नजर आ रहे है।
- जल प्रयोगशाला से सहज हुई जाँच ,हजारो सेम्पल जाँचे गए
बाड़मेर
बरसो तक पानी की जाँच के लिए राज्य की राजधानी जयपुर पर निभर रहने वाले बाड़मेर
के लोग अब अपनी ही जमी पर अपने पानी की गुणवत्ता को जान पा रहे है। राष्ट्रिय
ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्ग्रत तहत जिले की आठ ब्लॉक में लग रही जल
प्रोगशालाओ का सीधा लाभ आम जनता को मिल रहा है। बाड़मेर और बायतु में शुरू हो
चुकी इन जल प्रयोगशालो में अब तक हजारो सेम्प्लो की जाँच कर रिपोर्ट लोगो को
मुहये करने के साथ साथ वेबसाइट पर दी डाला जा रहा है जिससे लोग अपने गाव के
पानी की रिपोर्ट घर बैठे कम्प्यूटर के क्लिक से जान सकते है। जन स्वास्थ्य
अभियांत्रिकी विभाग के सीसीडीयू इकाई के आईईसी कन्सलटेंट अशोकसिंह राजपुरोहित
ने बताया कि जिले की सभी ग्यारह हजार तीन सो नब्बे ढाणियों और सभी गावो के
लोगो को उनके यह मौजूद पेयजल स्रोतों के पानी की गुणवत्ता के बारे मे जानकारी
देने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत जल
प्रोगशालाओ की स्थापना की जा रही है जिसमे चलु वित्तीय वर्ष मे अब तक 2200
सेम्पल लेकर उनकी जाँच की जा चुकी है वही बीते वर्ष मे यह आकड़ा 3900 सेम्पल का
था। पहले पानी की जाँच के लिए बाड़मेर जयपुर पर निभर था लेकिन इन जल
प्रोगशालाओ की स्थापना के बाद अपने ही जिले मे पानी की पूरी जानकारी मिल रही
है इतना ही नही यह पूरी जानकारी इण्डिया वाटर की वेबसाइट पर भी डाला जा रहा है
जिससे इसके बारे में कही भी जानकारी ली जा सकती है।जल प्रोगशालाओ मे पिएच
,टीडीएस,हार्डनेश ,नाइट्रेट ,फ्लोराइड ,क्लोराइड ,केल्शियम हार्डनेश मापदंडो
पर बाड़मेर के जल प्रोगशालाओ मे पानी की जाँच की जा रही है इनके लिए इन
प्रोगशालाओ में 6 कार्मिको की तैनातगी भी है।
*हर माह निरक्षण और देखरेख *
राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्ग्रत बाड़मेर में और बायतु में जल
प्रोगशाला बन चुकी है और बाकि जगहों पर इस मार्च से पहले जल प्रयोगशालाएं बन
जाएगी। इस सभी के निर्माण कार्य के साथ साथ सुचारू क्रियान्वयन के लिए जहांहर माह निरक्षण के साथ साथ इनकी नियमित देखरेख भी की जा रही है। जन स्वास्थ्य
अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता नेमाराम परिहार इन प्रोगशालाओ के काम
को लेकर गंभीर होने के साथ साथ आम जनता को इनका सीधा लाभ पहुंचे इसके लिए बेहद
गंभीर नजर आते है। विभाग इस बात को लेकर भी गंभीर है की जिले के हर स्थान के
पानी की जाँच की जाये।
*सामान्य से यांत्रिकी जाँच का सफर *
बदलते वक़्त के साथ हर क्षेत्र मे बदलाव आया है ऐसे मे जल की जाँच का पुराना
तरीका अब बाड़मेर में नजर नही आ रहा है। पहले की सामान्य विधि से हटकर अब
पानी की जाँच यांत्रिकी विधि से की जा रही है और इसके लिए युवी विजीवाल
स्पेक्ट्रो फोटो मीटर सरीखी अत्याधुनिक मशीने भी बाड़मेर की जल प्रोगशाला मे
स्थापित किया गया है। नविन अत्याधुनिक मशीनो के लगाने के बाद जहां पहले से
बेहद कम समय मे पानी की जाँच हो पा रही है वही जाँच रिपोर्ट बेहद सटीक भी नजर
आ रही है।बाड़मेर जल प्रोगशाला मे जूनियर केमिस्ट डाक्टर नेमीचंद खत्री की
देखरेख मे हर रोज कई सेंपल की जाँच करते नजर आ रहे है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें