जोधपुर। किस्मत जब देती है तो छप्पर फाड़ कर देती है। अब देखिए न शहर की एक महिला उम्मीदवार पर उसकी किस्मत इतनी मेहरबान हुई कि उसने पहले तो पात्रता संबंधी कानून को मात दी ओर फिर अपनी प्रतिदि्वंदी की गलती से बिना मतदान के ही चुनाव जीत लिया।
चार बच्चों की इस मां की किस्मत इतनी बलवान निकली के उसके आगे कानून ही नहीं उसके प्रतिदि्वंदी भी बेबस नजर आए।
गौरतलब रहे कि 1995 में अस्तित्व में आए कानून के मुताबिक निकाय चुनाव लड़ने वाले किसी उम्मीदवार के अगर दो से ज्यादा संतानें होती हैं तो उसे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित माना जाता है।
जोधपुर नगरपालिका चुनाव में वार्ड नंबर पांच से भाजपा उम्मीदवार 41 वर्षीया संजू सोलंकी ने चुनाव लड़ा और उसे निर्विरोध जीता भी।
भाजपा की इस महिला उम्मीदवार के चार संतानें एक साथ पैदा हुई थी। चूंकि चारों का जन्म 1995 से पहले हुआ था इसलिए पात्रता संबंधी कानून इन पर लागू नहीं होता।
सबसे खास बात तो यह है कि उसके चारों बच्चों का जन्म दिन ठीक उसी दिन पड़ेगा जिस दिन चुनाव नतीजे आएंगे यानि कि 22 नवंबर। इसलिए व अपने बच्चों को अपने लिए काफी भाग्यशाली मानती है।
सोलंकी ने जय नारायण व्यास यूनीवर्सिटी से साइकोलॉजी और पॉलिटीकल साइंस में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उनके पति ग्राउंड वॉटर डिपार्टमेंट में लैब असिस्टेंट हैं।
कांग्रेसी उम्मीदवार की "बदकिस्मती"
उधर इसके उलट भाजपा उम्मीदवार सोलंकी के खिलाफ खड़ी होने वाली कांग्रेस उम्मीदवार को उनकी किस्मत दगा दे गई।
तीन बच्चों की मां इस कांग्रेसी उम्मीदवार ने अपनी पात्रता साबित करने वाला एक शपथ पत्र बनवाया था लेकिन टाइपिस्ट ने गलती से उसमें तीन बच्चों का 1995 के बाद होना दिखा दिया। इस वजह से कांग्रेस उम्मीदवार भाटी का चुनाव उम्मीदवारी आवेदन निरस्त कर दिया गया।
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चार बच्चों की इस मां की किस्मत इतनी बलवान निकली के उसके आगे कानून ही नहीं उसके प्रतिदि्वंदी भी बेबस नजर आए।
गौरतलब रहे कि 1995 में अस्तित्व में आए कानून के मुताबिक निकाय चुनाव लड़ने वाले किसी उम्मीदवार के अगर दो से ज्यादा संतानें होती हैं तो उसे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित माना जाता है।
जोधपुर नगरपालिका चुनाव में वार्ड नंबर पांच से भाजपा उम्मीदवार 41 वर्षीया संजू सोलंकी ने चुनाव लड़ा और उसे निर्विरोध जीता भी।
भाजपा की इस महिला उम्मीदवार के चार संतानें एक साथ पैदा हुई थी। चूंकि चारों का जन्म 1995 से पहले हुआ था इसलिए पात्रता संबंधी कानून इन पर लागू नहीं होता।
सबसे खास बात तो यह है कि उसके चारों बच्चों का जन्म दिन ठीक उसी दिन पड़ेगा जिस दिन चुनाव नतीजे आएंगे यानि कि 22 नवंबर। इसलिए व अपने बच्चों को अपने लिए काफी भाग्यशाली मानती है।
सोलंकी ने जय नारायण व्यास यूनीवर्सिटी से साइकोलॉजी और पॉलिटीकल साइंस में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उनके पति ग्राउंड वॉटर डिपार्टमेंट में लैब असिस्टेंट हैं।
कांग्रेसी उम्मीदवार की "बदकिस्मती"
उधर इसके उलट भाजपा उम्मीदवार सोलंकी के खिलाफ खड़ी होने वाली कांग्रेस उम्मीदवार को उनकी किस्मत दगा दे गई।
तीन बच्चों की मां इस कांग्रेसी उम्मीदवार ने अपनी पात्रता साबित करने वाला एक शपथ पत्र बनवाया था लेकिन टाइपिस्ट ने गलती से उसमें तीन बच्चों का 1995 के बाद होना दिखा दिया। इस वजह से कांग्रेस उम्मीदवार भाटी का चुनाव उम्मीदवारी आवेदन निरस्त कर दिया गया।
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मालूम रहे कि केवल 1995 के पहले पैदा हुए बच्चों पर यह कानून प्रभावी नहीं होता और इसलिए कांग्रेस उम्मीदवार भाटी निकाय चुनाव में खड़ी नहीं हो पाई। -
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