नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सांसदों एवं नेताओं को दी गई चाय पार्टी में सबकी नजरें महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच गतिरोध दूर होने और सरकार बनाने को लेकर सहयोग कायम करने की कवायद पर टिकी होगी।
मोदी के निवास सात रेसकोर्स रोड पर राजग सांसदों के लिए आयोजित चाय पार्टी में शिवसेना के 18 लोकसभा और तीन राज्यसभा सदस्य भाग ले रहे हैं। इनकी अगुवाई मोदी सरकार में शिवसेना कोटे से कैबिनेट मंत्री अनंत गीते करेंगे। गीते ने भी कहा कि महाराष्ट्र को लेकर दोनों पक्षों में सकारात्मक बातचीत चल रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ही अंतिम निर्णय लेंगे।
उन्होंने कहा कि जो भी होगा, अच्छा और सम्मानजनक होगा। महाराष्ट्र की 288 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव में भाजपा 122 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और उसने सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। भाजपा को बहुमत के लिए 22 सीटों की दरकार है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने उसे बाहर से बिना शर्त समर्थन की पेशकश की है जबकि भाजपा के साथ ढाई दशकों से साथ रही शिवसेना 59 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित कई लोग भाजपा-शिवसेना संबंध बहाल करने के पक्ष में हैं। शिवसेना ने इस पूरे प्रकरण में अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने अल्पमत सरकार बनाने का मन बना लिया है। तीस अक्टूबर को उसके मुख्यमंत्री को कुछ मंत्रियों के साथ शपथ दिलायी जा सकती है।
शिवसेना और भाजपा दोनों ने अभी तक यह नहीं कहा है कि वे सरकार के लिए एक दूसरे का सहयोग करने या लेने जा रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री निवास पर आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राम विलास पासवान, डॉ.हर्षवर्धन, अरूण जेटली, एम वेंकैया नायडू सहित अनेक नेता पहुंच चुके हैं।
मोदी के निवास सात रेसकोर्स रोड पर राजग सांसदों के लिए आयोजित चाय पार्टी में शिवसेना के 18 लोकसभा और तीन राज्यसभा सदस्य भाग ले रहे हैं। इनकी अगुवाई मोदी सरकार में शिवसेना कोटे से कैबिनेट मंत्री अनंत गीते करेंगे। गीते ने भी कहा कि महाराष्ट्र को लेकर दोनों पक्षों में सकारात्मक बातचीत चल रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ही अंतिम निर्णय लेंगे।
उन्होंने कहा कि जो भी होगा, अच्छा और सम्मानजनक होगा। महाराष्ट्र की 288 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव में भाजपा 122 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और उसने सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। भाजपा को बहुमत के लिए 22 सीटों की दरकार है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने उसे बाहर से बिना शर्त समर्थन की पेशकश की है जबकि भाजपा के साथ ढाई दशकों से साथ रही शिवसेना 59 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित कई लोग भाजपा-शिवसेना संबंध बहाल करने के पक्ष में हैं। शिवसेना ने इस पूरे प्रकरण में अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने अल्पमत सरकार बनाने का मन बना लिया है। तीस अक्टूबर को उसके मुख्यमंत्री को कुछ मंत्रियों के साथ शपथ दिलायी जा सकती है।
शिवसेना और भाजपा दोनों ने अभी तक यह नहीं कहा है कि वे सरकार के लिए एक दूसरे का सहयोग करने या लेने जा रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री निवास पर आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राम विलास पासवान, डॉ.हर्षवर्धन, अरूण जेटली, एम वेंकैया नायडू सहित अनेक नेता पहुंच चुके हैं।
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