जयपुर। अगर आप नया मकान खरीदने वालों की फेहरिस्त में शामिल हैं तो यह खबर आपके लिए काफी काम की साबित हो सकती है।
राजस्थान सरकार ग्रीन बिल्डिंग और अपार्टमेंट एक्ट अगले महीने लागू करने जा रही है।
नगरीय विकास विभाग के स्तर पर अगले महीने तक अपार्टमेंट एक्ट, ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट और नक्शों के अनुसार नियमतीकरण उपविधियों को नए सिरे से बनाने संबंधी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
इस संबंध में विभाग ने हाल ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजे थे। इनमें ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट संबंधी नियमों को विघि विभाग के स्तर पर दिखाया जा रहा है वहीं अपार्टमेंट एक्ट और नियमतीकरण उप विधियों के प्रावधान विभाग के स्तर पर तय हो चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि इन तीनों को नवंबर के दूसरे सप्ताह तक राज्य की मंजूरी मिल जाएगी।
यह है खास
ग्रीन बिल्डिंग
-भवन निर्माण के दौरान पर्यावरण संबंधी मानकों को पूरा करने पर सरकार की ओर से विशेष छूट मिलेगी।
-पानी, बिजली की खपत में बचत करने के बिल्डर को इंतजाम करने होंगे।
-सौर उर्जा के माध्यम से बिल्डिंग में बिजली आपूर्ति की जाएगी।
-फिलहाल यह कॉन्सेप्ट केवल जयपुर में लागू होगा बाद में इनसे जोधपुर, अजमेर व कोटा में लागू किया जा सकेगा।
अपार्टमेंट एक्ट
-किसी भी बिल्डर को अपने प्रोजेक्ट लॉन्च करने से पहले सभी तरह की अनापत्तियां विभिन्न सरकारी विभागों से लेनी होगी।
-फ्लैट्स के लिए जारी विज्ञापनों, प्रचार सामग्री आदि के बारे में भी नए नियम बनेंगे।
-फ्लैट्स की बुकिंग फ्लैट्स बनने से पहले नहीं हो सकेगी। बुकिंग तभी होगी जब फ्लैट तैयार हो जाएंगे।
-फ्लैट्स बनाने के लिए एक समयावधि तय होगी। फ्लैट्स उसी दौरान बनाने होंगे।
नयमितीकरण संबंधी उप विधियां
-मकानों में साइड और बैक साइड में नक्शे के अनुसार निर्माण नहीं होने पर भी उन्हें नियमित किया जा सकेगा।
-इस दौरान 20 से 25 प्रतिशत क्षेत्र में हुए निर्माण को नियमित किया जा सकेगा।
-फ्रंट साइड में नक्शे के विपरित निर्माण को नियमित नहीं किया जा सकेगा।
-इसी तरह ऊंचाई के बारे में भी किसी भवन को तब ही नियमित किया जा सकेगा जब ऊंचाई तक नक्शे के हिसाब से निर्माण हुआ है।
राजस्थान सरकार ग्रीन बिल्डिंग और अपार्टमेंट एक्ट अगले महीने लागू करने जा रही है।
नगरीय विकास विभाग के स्तर पर अगले महीने तक अपार्टमेंट एक्ट, ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट और नक्शों के अनुसार नियमतीकरण उपविधियों को नए सिरे से बनाने संबंधी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
इस संबंध में विभाग ने हाल ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजे थे। इनमें ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट संबंधी नियमों को विघि विभाग के स्तर पर दिखाया जा रहा है वहीं अपार्टमेंट एक्ट और नियमतीकरण उप विधियों के प्रावधान विभाग के स्तर पर तय हो चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि इन तीनों को नवंबर के दूसरे सप्ताह तक राज्य की मंजूरी मिल जाएगी।
यह है खास
ग्रीन बिल्डिंग
-भवन निर्माण के दौरान पर्यावरण संबंधी मानकों को पूरा करने पर सरकार की ओर से विशेष छूट मिलेगी।
-पानी, बिजली की खपत में बचत करने के बिल्डर को इंतजाम करने होंगे।
-सौर उर्जा के माध्यम से बिल्डिंग में बिजली आपूर्ति की जाएगी।
-फिलहाल यह कॉन्सेप्ट केवल जयपुर में लागू होगा बाद में इनसे जोधपुर, अजमेर व कोटा में लागू किया जा सकेगा।
अपार्टमेंट एक्ट
-किसी भी बिल्डर को अपने प्रोजेक्ट लॉन्च करने से पहले सभी तरह की अनापत्तियां विभिन्न सरकारी विभागों से लेनी होगी।
-फ्लैट्स के लिए जारी विज्ञापनों, प्रचार सामग्री आदि के बारे में भी नए नियम बनेंगे।
-फ्लैट्स की बुकिंग फ्लैट्स बनने से पहले नहीं हो सकेगी। बुकिंग तभी होगी जब फ्लैट तैयार हो जाएंगे।
-फ्लैट्स बनाने के लिए एक समयावधि तय होगी। फ्लैट्स उसी दौरान बनाने होंगे।
नयमितीकरण संबंधी उप विधियां
-मकानों में साइड और बैक साइड में नक्शे के अनुसार निर्माण नहीं होने पर भी उन्हें नियमित किया जा सकेगा।
-इस दौरान 20 से 25 प्रतिशत क्षेत्र में हुए निर्माण को नियमित किया जा सकेगा।
-फ्रंट साइड में नक्शे के विपरित निर्माण को नियमित नहीं किया जा सकेगा।
-इसी तरह ऊंचाई के बारे में भी किसी भवन को तब ही नियमित किया जा सकेगा जब ऊंचाई तक नक्शे के हिसाब से निर्माण हुआ है।
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