नई दिल्ली। कालेधन को लेकर मचे हाहाकार के बीच आखिरकार केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया। इस हलफनामे के साथ विदेशी बैंकों में कालाधन जमा रखने वालों की सूची सौंपी गई है। इस सूची में राजनेता नहीं बल्कि तीन कारोबारियों के नाम हैं। टैक्स संधि के तहत सरकार को इन नामों की जानकारी मिली है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इन कारोबारियों के नाम केंद्र सरकार ने हालांकि बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे हैं। एक न्यूज चैनल के मुताबिक डाबर ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप बर्मन, राजकोट के कारोबारी पंकज चमनलाल लोढिया और गोवा के खनन व्यापारी राधा टिम्ब्लू का नाम सूची में बताया जा रहा है।
अपने नाम का खुलासा होते ही सबसे पहली प्रतिक्रिया डाबर की ओर से आई है। डाबर की ओर से कहा गया है कि चेयरमैन प्रदीप बर्मन का खाता कानूनी तौर पर खुला है। इससे जुड़े सभी विवरण भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सौंपे गए थे और उचित टैक्स भी दिए गए। जिस समय खाता खोला गया उस समय बर्मन एनआरआई थे।
इसी तरह पंकज लोढिया ने भी अपना विदेश में होने की बात सिरे से खारिज कर दी है। उन्होंने कहा कि इस कोई नोटिस नहीं मिला है। अगर नोटिस मिला तो सफाई दूंगा। -
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इन कारोबारियों के नाम केंद्र सरकार ने हालांकि बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे हैं। एक न्यूज चैनल के मुताबिक डाबर ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप बर्मन, राजकोट के कारोबारी पंकज चमनलाल लोढिया और गोवा के खनन व्यापारी राधा टिम्ब्लू का नाम सूची में बताया जा रहा है।
अपने नाम का खुलासा होते ही सबसे पहली प्रतिक्रिया डाबर की ओर से आई है। डाबर की ओर से कहा गया है कि चेयरमैन प्रदीप बर्मन का खाता कानूनी तौर पर खुला है। इससे जुड़े सभी विवरण भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सौंपे गए थे और उचित टैक्स भी दिए गए। जिस समय खाता खोला गया उस समय बर्मन एनआरआई थे।
इसी तरह पंकज लोढिया ने भी अपना विदेश में होने की बात सिरे से खारिज कर दी है। उन्होंने कहा कि इस कोई नोटिस नहीं मिला है। अगर नोटिस मिला तो सफाई दूंगा। -
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