जल संरक्षण में ही सुरक्षित है देश का कल : डॉक्टर झा - जल चेतना पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन-
आशाओ को दी जल बचने की सीख
बाड़मेर
युद्ध किसी भी रूप में अपना अच्छा प्रभाव नहीं छोड़ता है। यह हर हाल में विनाश का कारक बनता है। युद्ध किसी कारण को लेकर ही होता है। वर्तमान में समाप्त होने की दिशा में अग्रसर हो चुका जल स्रोत्र का सिलसिला हरहाल में तीसरे विश्व युद्ध का कारण बनेगा। ऐसा मानना है देश के जल विशेषज्ञों का। आज के जल संरक्षण में ही सुरक्षित है देश का कल। यह विचार जिला आयुष अधिकारी डाक्टर अनिल झा ने जल सरंक्षण विषय पर बायतु मे आयोजित पोस्टर प्रदर्शनी और जल बचत शपथ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी चिंता यह है कि देशवासी अनजाने में ही जिस तरह से जल की बर्बादी कर रहे है, वह तीसरे विश्व युद्ध के हालात पैदा करने पर तुले हुए है। इसके लिए बड़े स्तर पर जागरूक करने की मुहिम चलाने की जरूरत है।पानी के बिना हमारा जीवित रहना असंभव है। हमें इस कुदरत की अनमोल देन को हमेशा के लिए खत्म होने से बचाना है। बिना खाए इन्सान कुछ हफ्ते जिंदा रह सकता है, मगर पानी के बिना कुछ दिन भी जीवित नहीं रह सकता। ऐसे मे जल है तो ही कल है। सीसीडीयू के आईईसी कंसल्टेंट अशोकसिंह राजपुरोहित ने बताया की बायतु मे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं पंचायत समिति सभागार में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और सीसीडीयू द्वारा जल चेतना पोस्टर प्रदर्शनी और प्रोमिस फाॅर फ्यूचर शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पोस्टर पर अंकित जल चेतना की बातो को आशाओ को बताते हुए जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी ने कहा कि पानी के बिना हमारा जीवित रहना असंभव है। हमें इस कुदरत की अनमोल देन को हमेशा के लिए खत्म होने से बचाना है।जल बचाने के लिए आमजनमानस को स्वयं विचार करना होगा. क्योंकि जल है तो कल है. हमें स्वयं इस बात पर गौर करना होगा कि रोजाना बिना सोचे समझे हम कितना पानी उपयोग में लाते हैं. आज गुजरता हर दिन पानी बचाने के संकल्प का दिन. पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का अब समय आ गया है । हम वर्षा का पानी अधिक से अधिक बचाने की कोशिश करे। इस मोके पर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई ने कहा कि भारत की बढ़ती जनसंख्या को जल आपूर्ति कराना विकासशील भारतीय अर्थव्यवस्था की गंभीर समस्याओं में से एक है| भारतीय अर्थव्यवस्था में जल संसाधनों की सबसे अधिक मांग हमेशा से कृषि उद्योग में रही है| कृषि उद्योग का महत्त्व खाद्य पदार्थों तथा रोज़गार के अवसर प्रदान करने वाले एक स्रोत की तरह है| लेकिन शहरीकरण के आज के दौर में भारत के शहरों की आबादी बढती जा रही है| वहाँ पर पानी की आवश्यक एवं वास्तविक आपूर्ति के बीच की खाई अब संकट स्तर तक पहुँच गयी है| ‘जल संकट’ भारत में मजबूती से अपने पैर गाड़ चुका है। जिससे पार पाना आज चुनौती है। राजपुरोहित के मुताबित जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग और सीसीडीयू द्वारा जल चेतना पोस्टर प्रदर्शनी और प्रोमिस फाॅर फ्यूचर शपथ कार्यक्रम जिले के हर ब्लाक मे आयोजित किया जा रहा है। पोस्टरों के माध्यम से जहा हर वर्ग हर तबके को जल चेतना से जोड़ा जा रहा है व्ही दूसरी तरफ शपथ कार्यकर्म के जरिये 20 हजार बच्चो को इस कार्यकर्म से जोड़ना लक्ष्य रखा गया है। सोमवार को जल चेतना पोस्टर प्रदर्शनी और प्रोमिस फाॅर फ्यूचर शपथ कार्यक्रम स्थानीय गौरव उच्च माध्यमिक विधालय मे आयोजित किया जायेगा।
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chandan singh bhati
nehru nagar barmer rajasthan
बाड़मेर
युद्ध किसी भी रूप में अपना अच्छा प्रभाव नहीं छोड़ता है। यह हर हाल में विनाश का कारक बनता है। युद्ध किसी कारण को लेकर ही होता है। वर्तमान में समाप्त होने की दिशा में अग्रसर हो चुका जल स्रोत्र का सिलसिला हरहाल में तीसरे विश्व युद्ध का कारण बनेगा। ऐसा मानना है देश के जल विशेषज्ञों का। आज के जल संरक्षण में ही सुरक्षित है देश का कल। यह विचार जिला आयुष अधिकारी डाक्टर अनिल झा ने जल सरंक्षण विषय पर बायतु मे आयोजित पोस्टर प्रदर्शनी और जल बचत शपथ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी चिंता यह है कि देशवासी अनजाने में ही जिस तरह से जल की बर्बादी कर रहे है, वह तीसरे विश्व युद्ध के हालात पैदा करने पर तुले हुए है। इसके लिए बड़े स्तर पर जागरूक करने की मुहिम चलाने की जरूरत है।पानी के बिना हमारा जीवित रहना असंभव है। हमें इस कुदरत की अनमोल देन को हमेशा के लिए खत्म होने से बचाना है। बिना खाए इन्सान कुछ हफ्ते जिंदा रह सकता है, मगर पानी के बिना कुछ दिन भी जीवित नहीं रह सकता। ऐसे मे जल है तो ही कल है। सीसीडीयू के आईईसी कंसल्टेंट अशोकसिंह राजपुरोहित ने बताया की बायतु मे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं पंचायत समिति सभागार में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और सीसीडीयू द्वारा जल चेतना पोस्टर प्रदर्शनी और प्रोमिस फाॅर फ्यूचर शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पोस्टर पर अंकित जल चेतना की बातो को आशाओ को बताते हुए जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी ने कहा कि पानी के बिना हमारा जीवित रहना असंभव है। हमें इस कुदरत की अनमोल देन को हमेशा के लिए खत्म होने से बचाना है।जल बचाने के लिए आमजनमानस को स्वयं विचार करना होगा. क्योंकि जल है तो कल है. हमें स्वयं इस बात पर गौर करना होगा कि रोजाना बिना सोचे समझे हम कितना पानी उपयोग में लाते हैं. आज गुजरता हर दिन पानी बचाने के संकल्प का दिन. पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का अब समय आ गया है । हम वर्षा का पानी अधिक से अधिक बचाने की कोशिश करे। इस मोके पर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई ने कहा कि भारत की बढ़ती जनसंख्या को जल आपूर्ति कराना विकासशील भारतीय अर्थव्यवस्था की गंभीर समस्याओं में से एक है| भारतीय अर्थव्यवस्था में जल संसाधनों की सबसे अधिक मांग हमेशा से कृषि उद्योग में रही है| कृषि उद्योग का महत्त्व खाद्य पदार्थों तथा रोज़गार के अवसर प्रदान करने वाले एक स्रोत की तरह है| लेकिन शहरीकरण के आज के दौर में भारत के शहरों की आबादी बढती जा रही है| वहाँ पर पानी की आवश्यक एवं वास्तविक आपूर्ति के बीच की खाई अब संकट स्तर तक पहुँच गयी है| ‘जल संकट’ भारत में मजबूती से अपने पैर गाड़ चुका है। जिससे पार पाना आज चुनौती है। राजपुरोहित के मुताबित जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग और सीसीडीयू द्वारा जल चेतना पोस्टर प्रदर्शनी और प्रोमिस फाॅर फ्यूचर शपथ कार्यक्रम जिले के हर ब्लाक मे आयोजित किया जा रहा है। पोस्टरों के माध्यम से जहा हर वर्ग हर तबके को जल चेतना से जोड़ा जा रहा है व्ही दूसरी तरफ शपथ कार्यकर्म के जरिये 20 हजार बच्चो को इस कार्यकर्म से जोड़ना लक्ष्य रखा गया है। सोमवार को जल चेतना पोस्टर प्रदर्शनी और प्रोमिस फाॅर फ्यूचर शपथ कार्यक्रम स्थानीय गौरव उच्च माध्यमिक विधालय मे आयोजित किया जायेगा।
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chandan singh bhati
nehru nagar barmer rajasthan
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