बेंगलूरू। लाल ग्रह की लंबी यात्रा पर निकले भारतीय उपग्रह मंगलयान को 11 दिन बाद मंगल की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। वक्त अब बहुत कम रह गया है और मंगलयान काफी दूर निकल चुका है। मंगल पर पहुंचने का समय नजदीक आने के साथ ही वैज्ञानिकों की उत्सुकता बढ़ने के साथ ही मिशन की तैयारियां भी अंतिम दौर में है।
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कुल मिलाकर मंगलयान 65 करोड़ किलोमीटर दूरी तय कर चुका है और धरती से 22 करोड़ किलोमीटर दूर है। मंगलयान 96 फीसदी से अधिक दूरी तय कर चुका है और यान तथा मंगल के बीच की दूरी महज 38 लाख किलोमीटर रह गई है। अब मंगलयान से धरती तक टेलीमेट्री संकेत पहुंचने में 703 सेकेंड यानी लगभग 12 मिनट (एक तरफ से) लग रहा है।
इसरो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 14 सितम्बर को मंगलयान में यान में सभी कमांड क्रमानुसार अपलोड किए जाएंगे। इसके बाद 22 सितम्बर को यान के 440 न्यूटन वाले तरल इंजन को चालू किया जाएगा। इंजन को चालू किए जाने के बाद 5 सेकेंड तक तरल एपोगी मोटर (लैम) फायर कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इंजन 24 सितम्बर को निर्णायक घड़ी में दगा नहीं देगा। विश्व के कई अभियान इसी निर्णायक क्षण में नाकाम हो गए। इसरो कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है और इसलिए दो दिन पहले इंजन परीक्षण का निर्णय किया गया है। अगर कोई अप्रत्याशित घटना नहीं घटी और सबकुछ ठीक रहा तो आगामी 24 सितम्बर की सुबह 8 .15 बजे मंगल मिशन की सफलता के समाचार मिल सकते हैं। -
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कुल मिलाकर मंगलयान 65 करोड़ किलोमीटर दूरी तय कर चुका है और धरती से 22 करोड़ किलोमीटर दूर है। मंगलयान 96 फीसदी से अधिक दूरी तय कर चुका है और यान तथा मंगल के बीच की दूरी महज 38 लाख किलोमीटर रह गई है। अब मंगलयान से धरती तक टेलीमेट्री संकेत पहुंचने में 703 सेकेंड यानी लगभग 12 मिनट (एक तरफ से) लग रहा है।
इसरो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 14 सितम्बर को मंगलयान में यान में सभी कमांड क्रमानुसार अपलोड किए जाएंगे। इसके बाद 22 सितम्बर को यान के 440 न्यूटन वाले तरल इंजन को चालू किया जाएगा। इंजन को चालू किए जाने के बाद 5 सेकेंड तक तरल एपोगी मोटर (लैम) फायर कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इंजन 24 सितम्बर को निर्णायक घड़ी में दगा नहीं देगा। विश्व के कई अभियान इसी निर्णायक क्षण में नाकाम हो गए। इसरो कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है और इसलिए दो दिन पहले इंजन परीक्षण का निर्णय किया गया है। अगर कोई अप्रत्याशित घटना नहीं घटी और सबकुछ ठीक रहा तो आगामी 24 सितम्बर की सुबह 8 .15 बजे मंगल मिशन की सफलता के समाचार मिल सकते हैं। -
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