नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेपाल यात्रा पर अपने धर्मपुत्र को उसके मां-बाप से मिलाने पर काफी खिल्ली उड़ाई जा रही है।
दअरसल धर्मपुत्र के फेसबुक पोस्ट ने पीएम की पोल खोल दी है।
जीत बहादुर के लिए खुद पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस बात की खुशी जाहिर की थी कि जीत बहादुर अपने परिवार वालों से मिल पाएगा।
लेकिन जीत बहादुर के फेसबुक अकाउंट ने मोदी की पोल खोल दी।
दरअसल, जीत बहादुर अपने परिजनों से ना सिर्फ संपर्क में था बल्कि दो साल पहले ही उनसे मिलकर आ चुका है।
जीत बहादुर ने फेसुबक पर दो साल पहले ही अपने परिजनों से मिलने की फोटो शेयर कर चुका है।
अगस्त 2012 के जीत के कुछ फोटो है जो उनके गांव नवलपारसी जिले के है।
जीत ने फेसबुक पर फोटो कैप्शन लिखा था, "हे फे्रंड्स, आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मैं अपने घर नेपाल पहुंच चुका हूं।"
वहीं पीएम मोदी ने नेपाल यात्रा से पहले ट्वीट किया था कि वे अपने साथ जीत बहादुर को लेकर जा रहे है ।
जीत बहादुर को अब अपने परिवार वालों से मिलने का मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि मोदी की दो दिवसीय नेपाल यात्रा पर अपने धर्मपुत्र जीत बहादुर को साथ में नेपाल लेकर गए थे। जीत बहादुर मोदी को तब मिला था जब वो 10 साल का था। मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे। मोदी ने जीत बहादुर की पढ़ाई लिखाई का सारा खर्चा उठाया था। -
दअरसल धर्मपुत्र के फेसबुक पोस्ट ने पीएम की पोल खोल दी है।
जीत बहादुर के लिए खुद पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस बात की खुशी जाहिर की थी कि जीत बहादुर अपने परिवार वालों से मिल पाएगा।
लेकिन जीत बहादुर के फेसबुक अकाउंट ने मोदी की पोल खोल दी।
दरअसल, जीत बहादुर अपने परिजनों से ना सिर्फ संपर्क में था बल्कि दो साल पहले ही उनसे मिलकर आ चुका है।
जीत बहादुर ने फेसुबक पर दो साल पहले ही अपने परिजनों से मिलने की फोटो शेयर कर चुका है।
अगस्त 2012 के जीत के कुछ फोटो है जो उनके गांव नवलपारसी जिले के है।
जीत ने फेसबुक पर फोटो कैप्शन लिखा था, "हे फे्रंड्स, आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मैं अपने घर नेपाल पहुंच चुका हूं।"
वहीं पीएम मोदी ने नेपाल यात्रा से पहले ट्वीट किया था कि वे अपने साथ जीत बहादुर को लेकर जा रहे है ।
जीत बहादुर को अब अपने परिवार वालों से मिलने का मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि मोदी की दो दिवसीय नेपाल यात्रा पर अपने धर्मपुत्र जीत बहादुर को साथ में नेपाल लेकर गए थे। जीत बहादुर मोदी को तब मिला था जब वो 10 साल का था। मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे। मोदी ने जीत बहादुर की पढ़ाई लिखाई का सारा खर्चा उठाया था। -
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